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________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श. ३. उ. २ सू० ११ शक्रचमरयोर्गतिस्वरूपनिरूपणम् ४९३ एतेपाम् त्रयाणां 'कयरे' कतरः कालः 'कयरेहितो' कतरेभ्यः कालेभ्यः 'अप्पे वा' अल्पोवा, 'वहुए वा, बहुको वा, तुल्ले वा' तुल्यो वा, विसेसाहिए वा' विशेषाधिको वा! भगवानाह गोयमा ! इत्यादि । हे गौतम ! 'सकस्स य उप्पयणकाले' शक्रस्य च उत्पतनकालः 'चमरस्स य ओवयण काले' चमरस्य च अवपतनकालः, 'एएणं दोणि वि' एतौ खल उपर्युक्तौ द्वौ अपि उभावपि 'तुल्ले सनत्यो वा' तुल्यौ सर्वस्तोको सर्वतोऽल्पो वर्तते, एवं . 'सक्कस्स य' शक्रस्य च 'ओवयणकाले' खलु अवपतनकालः 'वजस्स य' बज्रस्य च 'उप्पयणकाले' उत्पतनकालः 'एएणं दोण्ह वि तुल्ले' एतौ द्वावपि तुल्यो अर्थात् अवपतनोत्पतनकाली एतौ खलु द्वौ अपि तुल्यौ 'संखेजगुणे' संख्येयगुणौ विद्यते 'उप्पयणकालस्स य' उत्पतनकाल के बीच में कयरे' कौनसा काल 'कायरेहिंतो' किस काल से 'अप्पे वा' अल्प (न्यून) है ? 'यहुए वा' किस काल से अधिक है ? 'तुल्ले वा' किस काल के समान है ? "विसेसाहिए वा' किस काल से विशेषाधिक है ? इसका उत्तर देते हुए प्रभु गौतम से कहते हैं-'गोयमा' । हे गौतम! -सकस्स य उप्पणकाले' शाका उत्पतनकाल 'चमरस्स य ओषयणकाले' और चमर का अवपतनकाल 'एएणं दोणि वि' ये दोनों काल 'तुल्ले सव्वस्थो वा समान हैं और सब से स्तोक हैं । एवं 'सकास्स य शक्र का 'ओवयणकाले' अवपतनकाल और 'वजस्स य वज्रका 'उप्पयणकाले' उत्पतन काल 'एए णं दोण्हवि तुल्ले' ये दोनों भी तुल्य हैं तथा-'संखेनगुणे' संख्यातगुणे हैं। तात्पर्य यह है कि शक्र और कालस्स उप्पयणकालस्स य भागमन भने SLEnमनी तुलना ४२वामा मा त कयरे कयरेहिंतो अप्पे वा' यो ४ ४या थी न्यूनछे, 'बहुए वा' ४. ४याथी मधि४ छ, 'तुल्ले वा' योनी राम२ छ, भने 'विसेसाहिए वा' યે કાળ કયા કાળ કરતાં વિશેષાધિક છે? उत्तर-गोयमा !' गौतम ! 'सकस्स य उप्पयणकाले' शन्द्रने। Gभन भने चमरस्स ओवयणकाले, यमरेन्द्रन अधोगमन ,(एएणं दोण्डिवि) भमानतुल्ले सन्चत्यो वा' मेमन्ने समान छ भने सौथा न्यूनछ, भने 'सक्कस्स य ओवयणकाले' शहना मधोगमनमाने 'चजस्स य उप्पयणकाळे पता GATमन, 'एस दोपणनि तल्ले से मन्न समान छेतया, 'संखेज्जगुणे शना ઉર્ધ્વગમનકાળ અને ચમરના અાગમનકાળ કરતાં તે સંખ્યાત ગણે છે. કહેવાનું તાત્પર્યા
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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