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________________ '३५० - - - भगवतीने ' टीका-गौतमः पूर्वोक्तामरकुमाराणाम ऊर्चलोकगमनकालावधि पृच्छति'केवइअकालस्स णं भंते ! इत्यादि । हे भगवन् ! 'केवइअकालस्स' कियरकालेन खलु कियकालानन्तरम् अमुरकुमारा देवाः 'उ' ऊर्ध्वम् सौधर्मादिदेव. लोके 'उप्पयंति' उत्पतन्ति 'जाव-सोहम्म' यावत् सौधर्म 'य. कल्पं गया य' 'गताच 'गमिस्संति य' गमिष्यन्ति च? यावत्करणात पूर्वभवमत्ययिकरानुवन्धमूलकवैक्रियशरीरकरण-वैमानिकदेवत्रासोत्पादन -- यथालघु-लघुरत्नापड. है ? यावत् उसकी चहऋद्धि कहां गई ? हे गौतम ! पूर्व में कहे अनुसार कूटोकार शाला का उदाहरण इस विषय में यहां कहना चाहिये ।। टीकार्थ--गौतम प्रभु से पूर्वोक्त असुरकुमार देयों की उर्वलोकगमन काल की अवधिको पूछते हुए उनसे प्रश्न करते हैं-'केवइय कालस्स ण भंते' इत्यादि । 'भंते! हे भदन्त ! 'केवइयकोलस्स' कितने काल के बाद 'असुरकुमार देवा' असुरकुमार देव 'उड़। ऊंचे सौधर्म आदि देवलोकमें 'उप्पयंति' जाते हैं। 'जाव सोहम्मं कप्पं गया य गमिस्संति य कि जिससे यह कथन "यावत् वे सौधर्म: कल्प में गये हैं जायेंगे" यह कथन सिद्ध हो जाता है। तात्पर्य कहने का यह है कि गौतम स्वामी प्रभु महावीर से पूछ रहे हैं कि हे भगवन ! आपने जो ऐसा कहा है कि असुरकुमार देव यावत् ક્યાં અદશ્ય થઇ ગઈ? ઉત્તર–હે ગૌતમ ! અહીં પણ પૂર્વોક્ત ફૂટકારશાલાના ઉદાહરણ પ્રમાણે જ બન્યું છે, એમ સમજવું. ટીકાથ–-આગલા પ્રકરણમાં અસુરકુમાર દેના ઉર્ધ્વગમનની જે વાત કહી છે તેના અનુસંધાનમાં અહીં તેમના ઉદ્ઘલેક ગમનકાળની અવધિના વિષયમાં ગૌતમ સ્વામી મહાવીર પ્રભુને પ્રશ્ન પૂછે છે "केवइय कालस्स णं भंते ?" त्याहि " भंते ! 1 "केवडय कालस्स" स stu ५सार थया पछी " असुरकुमार देवा" मसुमार हेवा अप्पयंति" Baraswi Mय छ, "जाव सोहम्मं कप्पं गया य गमिस्संति या गया सौधर्म ४५ सुधारता ता, नय छ भने ," में કથન સિદ્ધ થાય છે? કહેવાનું તાત્પર્ય નીચે પ્રમાણે છે–“અસુરકુમાર દે ઉર્વલોકમાં સૌધર્મલોક સુધી જતા હતા, જાય છે અને જશે,” એવું જે કથન થયું છે તેને અનુલક્ષીને ગૌતમ સ્વામી પૂછે છે કે અસુરકુમાર દે કેટલા કાળ પછી ઉર્ધ્વसभा-साधम ८५ पर्यन्त-जय'छ ? महीने "यावत" यह मायु तना द्वारा
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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