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________________ प्रमेयचन्द्रिका टी. श.३ उ.२ २.२ असुरकुमारदेवानामुत्पातक्रियानिरूपणम् ३४९ यावत्-सौधर्मः कल्पः ? गौतम ! नायमर्थः समर्थः महधिकाः अमुरकुमाराः देवाः ऊर्ध्वम् उत्पतन्ति, यावद-सौधर्मः कल्पः । एपोऽपि भगवन् ? चमरः मसुरेन्द्रः, अमुरकुमारराजः ऊर्ध्वम् उत्पतितपूर्वः यावत्-सौधर्मः कल्पः ! हन्त गौतम !, अहो भगवन् ! चमरोऽसुरेन्द्रः, अमुरकुमारराजो महर्द्धिकः, महाद्युतिकः, यावत्-कुत्र प्रविष्टा ? कूटाकारशालादृष्टान्तो भणितव्यः ॥०२॥ वि णं भंते ! असुरकुमारा देवा उट्ट उप्पयंति) हे भदंत ! क्या समस्त ही असुरकुमार देव ऊँचे उडते हैं (जाप सोहम्मो कप्पो) और उडकर यावत् जहांतक सौधर्मकल्प है वहांतक जाते हैं। (गोयमा) हे गौतम! (णो इणहे सम?) यह अर्थ समर्थ नहीं है। क्योंकि (महिड्डिया णं असुरकुमारा देवा उट्ट उप्पयंति, जाव मोहम्मो कप्पो) जो महर्द्धिक असुरकुमारदेव हैं वे ही ऊँचे उछलते हैं अर्थात् उचलोक में जहांतक सौधर्मकल्प है वहांतक जाते हैं। (एस वि णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमार राया उ उप्पइय पुन्वि जाव सोहम्मो कप्पो) हे भदंत ! असुरेन्द्र असुरकुमार राज यह चमर भी क्या कभी किसी समय पहिले ऊपर यावत् सौधर्मकल्पतक गया है ? (हंता गोयमा) हां गौतम! पहिले यह असुरेन्द्र असुरकुमार राज चमर ऊपर गयाथा। (अहो णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमार राया महिडिए, महज्जुईए, जाव कहिं पचिट्ठा ?) हे भदंत ! असुरेन्द्र असुरकुमारराज चमर कैंसी घडी ऋद्धिवाला है ? कैंसी घडी द्युतिवाला (सव्वे विणं भंते ! असुरकुमारा देवा उड उप्पयंति ) 3 महन्त ! शुं मा असुरभार हे ये गमन री छ ? (जाव सोहम्मो कप्पो ?) भने सोयम ४६५ सुधा १४ छ ? (णो इणटे समटे) ना, मेधुं मन नथी. (महिड्डिया णं असुरकुमारा देवा उडू उप्पयंति, जाव सोहम्मो कप्पो) पy भद्धि असु२४भार वो Baraswi सौधर्म सुधा श छ. (एस वि णं भंते ! चमरे अमरिंदे असरकुमार राया उट्ट उप्पइय पुचि जाव सोहम्मो कप्पो ?) 3 महन्त ! मसुरेन्द्र मसुशुमार ०४ यभ२ ५i |५५ ण Gaभा सीपम५ पर्यन्त गयो, भरे ? (हंता गोयमा !) गीतम! &, ते सोधभ६५ पर्यत ५२ गयो छे. (अहो णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया महिड्डिए, महाज्जुईए, जाव कहिं पविदा?) 3 Hira ! मसुरेन्द्र અસુરરાય ચમર કેવી મહાદ્ધિવાળે છે? કેવી મહા શુતિવાળે છે? તેની તે દ્ધિ
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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