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________________ ८० भगवतीसूत्रे संपत्नीए विकुगिम या, विकृयह वा, विकृबिस्सा या ॥ मू० ९ ॥ छाया- भदन्त ! इति, भगवान् द्वितीयो गौतमोऽगिभूविरनगारः श्रमणं भगवन्तं महावीरं चन्दते, नमस्पति, वन्दित्वा नमस्यित्वा एकमवादी-यदि भदन्त ! ज्योतिपेन्द्रः, ज्योतिपराजः एवं महर्द्धिगा, यार - एतापन प्रभु विकुर्वितम् , शको भदन्त ! देवेन्द्रः देवराजः किंमहर्दिका, यावत्-कियच्च प्रमुर्विकुर्वितम ? गौतम! शको देवेन्द्रः, देवराजो महद्धिकः, यावत्-महानु। __ भागः स द्वात्रिंशतो विमानावासशतसहस्राणाम, चतुरशीतेः सामानिक देवराज शकेन्द्र वक्तव्यता'भंते ! तिं भगव दोच्चे गोयमे' इत्यादि सूत्रार्थ-(भंते ! ति) हे भदन्त ! इस प्रकारसे संयोधित करके (भगव दोच्चे गोयमे) भगवान् द्वितीय गौतम अग्निभूति अनगारने (समण भगवं महावीरं चंदइ नमसइ) श्रमण भगवान महावीर को वंदना की और नमस्कार किया (वंदित्ता नमंसित्ता) चन्दना नमस्कार करके (एवं वयासी) इस प्रकार पूछा (जइणं भंते ! जोइसिंदे जो इसराया एवं महिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विउन्धित्तए) हे भदन्त ! यदि ज्योतिपेन्द्र ज्योतिपराज इतनी बडी ऋद्धिवाला है और ऐसी विकुणा शक्तिवाला है (सकेणं भंते ! देविंदे देवराया केमहिड्डीए जाव केवइयं च णं पभू विउवित्तए) तो हे भदन्त ! देवेन्द्र देवराज शकेन्द्र कितनी बडी विभूतिवाला है और कितनी बडी विकुर्वणा शक्तिवाला है ? । (गोयमा) है गौतम ! (सक्केणं देविदे देवराया महिलाए जाव ને દેવરાજ શકેન્દ્ર વક્તવ્યતા . सूत्रार्थ- (भंतेत्ति)" महन्त से साधन शम(भगवं दोच्चे गोयमे) भगवान oilon गीतममनिभूति माणु॥२ (समण भगवं महावीरं चंदइ नमसइ) श्रम कान महावीरने व नमा२ ४ (वंदित्ता नमंसित्ता) पहा नभ२४१२ शन तेभारे (एवं बयासी) तेभने २ प्रमाणे पूछ्यु- जइणं भंते जोइसिंदे जोइसराया एवं महिडीए जाव एवइयं च णं पभू विउवित्तए) र महन्तन જ્યોતિન્દ્ર તિરાજ આટલી બધી સમૃદ્ધિ આદિથી યુતિ છે, અને આટલી બધી '! तिथा संपन्न छ तो सक्केणं भंते देविंदे देवराया के महिडीए जाव केंचंडयं च णं पविउवित्तए) HE-1 हेवेन्द्र १२॥ जेन्द्र की मां समृद्धि भाध्यायत छ ? वायु शतिपणा छ गोयमा के गौतम सक्केणं देविंदे देवराया महिडीए जाव महाणुभागे शन्द्र. २४२२४ हेवेन्द्र सारे समृद्धि यश
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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