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________________ ममक्तीयो पतव्या 'दिशाकुमाराण' दिक्कुमाराणामुपरि दश देवा आधिपस्ताविकतो विहरन्ति, वश 'अमियगई' अमितगति' 'भमियवााणे' अमितमामयति द्वौ दिक्कुमारेन्द्रौ, तयोर्लोकपालानाह-'हरियगई' स्वरितगति , 'विष्पगई' तिमगतिः, 'सीहगई ' शीघ्रगति', 'सीह विक्कमगई' शीघ्रविक्रमगविष, एव 'घाउकुमाराण' वायुकुमाराणामुपरि दश देवा' आधिपत्यादिक इन्नो विहरन्ति, तत्र 'थेलच' येलम्प , 'पमनण' पमअनति दी वायुगमारेन्द्रौ तयोर्लोकपालानाइ-फाल' पाला, 'महाकाल' महाराल', 'अनण' अमन' रहते है 'दिसाकुमाराण' दिवकुमारोंके ऊपर ये दशदेव अपना अषि पतिस्थ आदि करते रहते है वे इस प्रकार से हैं 'अमियगई, अमि यवाहणे' अमितगति और अमितघाहन ये दो तो दिक्कुमारकि इन है तथा 'तुरियगई, खिप्पगई, सीमगई, सीहविक्कमगई' स्वरितगति, शीघ्रगति और शीघ्रविक्रमगति ये चार लोकपाल हैं। इस प्रकार अमितगति इन्द्र और उसके ये चार लोकपाल एव अमि तयाहन इन्द्र और उसके इसी नामके चारलोकपाल मिलकर दश देव दिपकुमारों के ऊपर सदा अपना अधिपतित्व भादि करते रहते है। 'घाउकुमाराण घेलप पभजण' वायक्रमारोंके ऊपर अपना भाषिपत्य रखनेवाले ये दसदेव व-घेलम्य और प्रभजन ये दोतो इनके इन्द्र है तथा इनके 'फाल महाकाल भजण रिकाल कहाकाल भेजन और रिष्ट ये चार लोकपाल है । इस प्रकार बेलम्ब इन्द्र और इमके चार लोकपाल, तथा मर्मजन इन्द्र और इसके चार लोकपाल मिलकर दश देष वायुकुमारोंके ऊपर सदा अपना प्रमुत्व आदि 'दिसाकमाराण' Gिag५२ नाना इस वान विपतित्प, Ita'ममियगई, अमियवाहणे' भितजति मने मितान, भा -दी) TAL 'सूरियगई, खिप्पगई, सीएगई। सीइविक्फमर्गा तिमति, lila, સિ ઠગતિ અને સિહવિક્રમતિ નામના તેમના ચાર, ચાર લોકપાલો છે આ રીતે અમિત ગતિ નામને ઇન્દ્ર અને તેના ચાર વોપાલો દિકકુમારો પર અધિપવિ બાર ભોગવે છે 'घाउकुमाराण' भा। 8२ नीयन। हय देवोनु धिपतित्व २२ - बेलाय. पमनण' मने प्रसन मनान्द्रो छ भन्ने ना साल महाकास, मजण ग्दि' , भR, Mन भने २४ नाभन भार, ચાર લોકપાલો છે એ છે ? આઠ કપા મળીને કુલ દસ દેવો તેમના
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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