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________________ २४६ मुक्तिवादः नियम (त) ९, १६, १८, ३४, | निषेध (ग) १३, (त) २०, २१, | (य) ८ (न्या) ७, १६ (न्या) २२ | परमानन्द (न्या) २, १७, १८, नियामक (ग) २२ निषेधापूर्वप्रस्ताव (त) ८ (य) ३२ नियामिका (ग) ४ नीति (य) २३ परम्परा (य) ९, १९ नियोग (य) २१ नैमित्तिक (त) २८, २९, परवैराग्य (य) २८ निरतिशय (त) २६, (न्या) १६, (न्या) ११ परस्पराश्रय (न्या) १६ १९, (य) १५ नैयायिक (न्या) २, १६, १९, परात्मन् (त) ३७ निरपेक्ष (ग) ६, ४७, (त) २२, परात्मा (ग) १७ ३५ नैरपेक्ष (त) २९, ३४, ३५ परावर (ग) १२ निराबाध (ग) ३९, (य) २४ ।। न्याय (ग) ३४, (न्या) १, (य) ३ परिक्षय (य) ९ निरास (य) १ न्यायचर्चा (ग) ३५ परिग्रह (ग) ४३ निरुपधि (त) १७, (य) १४, २३ | न्यायमत (ग) ३०, ३८ परिग्राहक (त) ४२ निरुपधिक (य) २४ न्यायविद् (ग) २० परिणति (न्या) २७, (य) १९ निरुपाधि (ग) ३९ न्यायविशारद (न्या) १ परिणाम (ग) १६, २४ निर्णय (त) ४० न्यायालोक (न्या) १, (य) ७ परिपाक (न्या) ५ निर्वाह (ग) ६, ७, १०, ३७, ३८, न्यास (त) ३२ परिव्राजकत्व (य) ४ ४१ पक्ष (ग) ३४, ३६, (त) २१, परिश्रम (य) २५ निर्वाहक (ग) १५, (त) १३ (न्या) ३, (य) १, ३ परिसुद्ध (परिशुद्ध) (य) १० निर्विकल्पक (ग) ३७ पज्जव(पर्याय) (य) १० परीक्षक (त) ८ निर्विशेषित (ग) ९ पण्डित (य) १८ पर्याय (य) १०, १९ निवर्तक (ग) ३६ पद (ग) १३, १४, २८, (त) १४, | पर्यायार्थ (य) १४ निवृत्त (न्या) १६, (य) १७ । | ३८, ४२, (य) २९, ३१ | पर्यायार्थिक (य) १० निवृत्ति (ग) २, ४, ६, १०, १५, | पदार्थ (न्या) १९, २७, (य) ७, | पर्षद् (य) १७ १६, १८, १९, २०, | १४, १९ पातक (त) ३७ २१, २७, ३०, ३१, | पर (य) १, ३२ पातभय (ग) ४ ३२, ३४, ३९, (त) | परंपरा (ग) १२, २२, ३४, (त) | पाप (ग) ७, १४, (त) ७, ९, १६, १९, २१, २२, | ३८ १०, ३७, ३८, (य) २२ २४, २८, ३२, (न्या) | परत्व (य) १, २९ पारदार्य (न्या) १८, (य) २८ ४, १२, १४, १६, (य) | परम (त) ४२ पारिभाषिक (ग) १७ ११, १३, २८ परमपुरुषार्थ (य) २० पालन (त) ७ निवेश (न्या) २३, (य) ३ परमब्रह्म (ग) ४० पुंस् (पुमान्) (य) १२ निश्चय (त) ११, (य) ७, २१ परममुक्ति (त) २६, (न्या) १९ | पुण्य (ग) १३, (त) ३८ निश्चित (य) २७ परमात्म (ग) १९, २७, ३६, ३७, | पुमर्थ (य) २३, २७ निषिद्ध (ग) १२, (त) २९, ३२, पुरुष (ग) २४, (त) १, २, ५, ६, ३३ (न्या) १, १०, २४, (न्या) ५, १३,
SR No.009262
Book TitleMuktivad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGadadhar Bhattacharya, Gangesh Upadhyay, Yashovijay
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2015
Total Pages285
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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