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________________ 73. ऊँ ह्रीं अर्हं परमाय नमः 75. ऊँ ह्रीं अर्हं प्रक्षीणबंधाय नमः 77. ऊँ ह्रीं अर्हं क्षेमकृते नमः 79. ॐ ह्रीं अर्हं प्रणवाय नमः 81. ऊँ ह्रीं अर्हं प्राणाय नमः 83. ॐ ह्रीं अर्हं प्रणतेश्वराय नमः 85. ॐ ह्रीं अर्हं प्रणिधये नमः 87. ऊँ ह्रीं अर्हं दक्षिणाय नमः 89. ऊँ ह्रीं अर्हं अध्यवराय नमः 91. ऊँ ह्रीं अर्हं नन्दनाय नमः 93. ॐ ह्रीं अर्हं वंद्याय नमः 95. ऊँ ह्रीं अर्हं अभिनंदनाय नमः 97. ऊँ ह्रीं अर्हं कामदाय नमः 99. ॐ ह्रीं अर्हं कामधेनवे नमः महामुन्यादिनामानि शतं यस्य लसन्त्यहो । तमहं प्रथमं देवं पूजयामि जलादिभिः॥6॥ ॐ ह्रीं महामुन्यादि शतनामधारक वृषभजिनेन्द्राय पूर्णाघ्यं निर्वपामीति स्वाहा। अथ प्रथमवलये सप्तमकोष्ठे 1. ऊँ ह्रीं अर्हं असंस्कृताय नमः 3. ऊँ ह्रीं अर्हं प्राकृताय नमः 5. ऊँ ह्रीं अर्हं अंतकृते नमः 7. ऊँ ह्रीं अर्हं कांताय नमः 9. ॐ ह्रीं अर्हं अभीष्टदाय नमः 11. ऊँ ह्रीं अर्हं जितकामारये नमः 74. ऊँ ह्रीं अर्हं परमोदयाय नमः 76. ऊँ ह्रीं अर्हं कामारये नमः 78. ऊँ ह्रीं अर्हं क्षेमशासनाय नमः 80. ॐ ह्रीं अर्हं प्रणताय नमः 82. ऊँ ह्रीं अर्हं प्राणदाय नमः 84. ऊँ ह्रीं अर्हं प्रामाणाय नमः 86. ऊँ ह्रीं अर्हं दक्षाय नमः 88. ऊँ ह्रीं अर्हं अध्वर्यवे नमः 90. ऊँ ह्रीं अर्हं आनंददाय नमः 92. ऊँ ह्रीं अर्हं नन्दाय नमः 94. ऊँ ह्रीं अर्हं अनिन्द्याय नमः 96. ॐ ह्रीं अर्हं कामघ्ने नमः 98. ऊँ ह्रीं अर्हं काम्याय नमः 100. ऊँ ह्रीं अर्हं अरिञ्जाय नमः असंस्कृतसुसंस्कारादि शतनाम प्रत्येकायं 2. ऊँ ह्रीं अर्हं सुसंस्काराय नमः 4. ऊँ ह्रीं अर्हं वैकृतान्तकृते नमः 6. ऊँ ह्रीं अर्हं कांतगवे नमः 8. ऊँ ह्रीं अर्हं चिंतामणये नमः 10. ॐ ह्रीं अर्हं अजिताय नमः 12. ऊँ ह्रीं अर्हं अमिताय नमः 363
SR No.009254
Book TitleVidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1409
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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