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________________ श्री चंद्रप्रभ भगवान की आरती जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभुदेवा। तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी, तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा ॥ जय चंद्रप्रभु देवा ० मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ जय चंद्रप्रभु देवा ० जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर नर हर्षाये रूप तिहार महा मनोहर सब ही को भायें तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ जय चंद्रप्रभु देवा ० बाल्यकाल में ही प्रभ तमने दीक्षा ली प्यारी भेष दिगंबर धारा, महिमा हैं न्यारी तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ ____ जय चंद्रप्रभु देवा ० फाल्गुन वदि सप्तमी को, प्रभु केवल ज्ञान हुआ खुद जियो और जीने दो का सबको सन्देश दिया तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ जय चंद्रप्रभु देवा ० अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, देहरे में प्रगटे मूर्ति तिहारी अपने अपने नैनन, निरख निरख हर्षे तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ जय चंद्रप्रभु देवा ० हम प्रभु दास तिहारे, निश दिन गुण गावें पाप तिमिर को दूर करो, प्रभु सुख शांति लावें तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ __ जय चंद्रप्रभु देवा ० 24
SR No.009245
Book TitleJain Arti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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