SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 502
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भव-आताप मिटाने को चंदन झारी में लाया हूँ। संसार-ताप मिटाने को भाव-सहित चंदन अर्पित करता हूँ।। भव-सागर पार करो स्वामी, विनती करने को आया हूँ। चांदखेड़ी के चन्दाप्रभु तेरे चरणों में आया हूँ।। ऊँ ह्रीं चांदखेड़ी के बन्द-तल-प्रकोष्ठ में विराजमान यक्ष-रक्षित चंदाप्रभु जिनप्रतिमासमूहाय संसारताप-विनाशनाय चंदनं निर्वपामीति स्वाहा।2। प्रभु अक्षत लेकर आया हूँ, अक्षय-पद के पाने को। पुंज धरो चरनन ढिग तेरे जन्म-मरण के नाशन को।। भव-सागर पार करो स्वामी, विनती करने को आया हूँ। चांदखेड़ी के चन्दाप्रभु तेरे चरणों में आया हूँ।। ऊँ ह्रीं चांदखेड़ी के बन्द-तल-प्रकोष्ठ में विराजमान यक्ष-रक्षित चंदाप्रभु जिनप्रतिमासमूहाय अक्षयपद-प्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा।3। कामदेव से दुखी हुआ भोगों में भ्रमता आया हूँ। कामबाण-विध्वंस प्रभु को पुष्प चढ़ाने आया हूँ।। भव-सागर पार करो स्वामी, विनती करने को आया हूँ। चांदखेड़ी के चन्दाप्रभु तेरे चरणों में आया हूँ।। ऊँ ह्रीं चांदखेड़ी के बन्द-तल-प्रकोष्ठ में विराजमान यक्ष-रक्षित चंदाप्रभु जिनप्रतिमासमूहाय कामबाण-विनाशनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा।4। षट् रस व्यंजन से न मिटी क्षुधा मेरी मैं व्याकुल रहता हूँ। हो जन्म-जन्म की क्षुधा शान्त नैवेद्य समर्पित करता हूँ।। भव-सागर पार करो स्वामी, विनती करने को आया हूँ। चांदखेड़ी के चन्दाप्रभु तेरे चरणों में आया हूँ।। ऊँ ह्रीं चांदखेड़ी के बन्द-तल-प्रकोष्ठ में विराजमान यक्ष-रक्षित चंदाप्रभु जिनप्रतिमासमूहाय क्षुधारोग-विनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा।51 502
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy