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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सब ख्थानों पर बनी हुई भव्य इमारतों के निर्माता कारीगर का नाम पूछने पर एक ही उत्तर मिला – “मालूम नहीं साहब !" इस से प्रतिनिधि मण्डल ने यही निष्कर्ष निकाला कि यहाँ के सब से बड़े वास्तुकार का नाम है - "मालूम नहीं साहब ।" [The greatest engineer of India is Malum Nahin sahab !) __अन्त में प्रतिनिधि मण्डल बड़ौदा पहुँचा । वहाँ लक्ष्मीविलास महल से महाराजा की सवारी निकल रही थी। किसी आदमी से प्रतिनिधि मण्डल के नेता ने पूछा : “Who is This ?" उत्तर मिला - मालम नहीं साहब !" मण्डल ने सोचा कि बस मिल गया इंजीनियर । यहाँ कारीगर का सचमुच बहत सम्मान होता है । जिस व्यक्ति की सवारी ठाठ-बाट से निकल रही है, उसीका नाम होना चाहिये “मालूम नहीं साहब !" । प्रतिनिधि मण्डल महाराजा के निकट गया और उसने बातचीत करने के लिए कुछ समय माँगा । महाराजा ने कहा : "No Time at all ! मिलना हो तो कल आइये।" इस से प्रतिनिधि मण्डल ने समझ लिया कि यह कारीगर व्यस्त रहता है। इसीलिए इसे टाइम नहीं मिलता । खैर, कोई बात नहीं । आज नहीं तो कल सही । कल इस कारीगर को मुंह माँगा धन देकर अपने देश चलने के लिए मना लेंगे । उसने इंग्लैंड टेलिग्राम कर दिया : 'I have found out the greatest engineer "Malum Nahin Sahab." He has given me time to see him tomorrow." For Private And Personal Use Only
SR No.008725
Book TitleMitti Me Savva bhue su
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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