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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पारायण : किस को पड़ेंगे जूते ? कोतवाल : चोरों को, और किस को ? पारायण : तो ये खड़े हैं चोर, पकड़ो और मारो जूते ! पारायण की चतुराई से चोर पकड़ लिये गये। अरब के एक बादशाह का जवान इकलौता पुत्र चल बसा । उसने सुना था कि सच्चा साधु वह होता है, जो मुर्दे को जिन्दा कर दे और जिन्दे को मुर्दा बना दे। उसने अरब देश में ऐसे साधु की तलाश की। कोई नहीं मिला। किसी ने कहा : "भारत साधुओं की भूमि है । यदि वहाँ से कोई साधू यहाँ बुलवा लिया जाय तो शायद आपके बेटे की जान वापिस आ जाय ।" बादशाह ने इस सुझाव को मंजूर कर के एक प्रतिनिधि मंडल भारत भेजा। वह दिल्ली में जाकर बादशाह अकबर से मिला । अरबके बादशाहका सन्देश सुनकर अकबर ने बीरबलसे राय ली। बीरबलने सूरदास, तुलसीदास और कबीर के नाम और पते नोट करा दिये । कहा कि इनमें से कोई भी चलने को तैयार हो गया तो आपकी समस्याका समाधान हो जायगा। प्रतिनिधिमण्डल सबसे पहले सूरदास के पास गया । उनसे अरब देश चलने का निवेदन किया । वे बोले : "मैं व्रजमण्डल के क्षेत्रसे बाहर नहीं जाता। आप यदि शाहजादे के शरीरको यहाँ ले आयें तो मैं कुछ कर सकता हूँ।" प्रतिनिधि मण्डलने सोचा कि यहाँसे लौटकर जाने-आने में बहुत दिन लग जायँगे; तब तक मुर्दा सड़ जायगा तो ज़िन्दा कैसे हो पायगा? इसलिए दूसरे महात्मा के पास चलें। For Private And Personal Use Only
SR No.008725
Book TitleMitti Me Savva bhue su
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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