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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org गुरुवाणी मुझे बतलाइये. बहुत बैचेनी रहती है, कमजोरी भी है. कुछ ऐसा सही इलाज कीजिए कि जिस से मैं ठीक हो सकूं. मुझे नई ताकत मिल जाये. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir डाक्टर ने पूरे शरीर का रोग परीक्षण किया. उसके बाद कहा, आप में कोई बीमारी नहीं है. अवस्था के कारण यह कमज़ोरी है. मैं टॉनिक आपको लिख कर देता हूं. दिन में दो बार दूध के साथ लीजिए बड़ा सुन्दर रहेगा. थोड़े दिनों में आपको शक्ति भी आ जायेगी और स्फूर्ति भी मिलेगी. पर वह तो धुनी दिमाग का आदमी था. घर से रवाना होते हुए किसी ने कह दिया देखो बम्बई है. वहां के डाक्टर बड़े विचित्र होते हैं. तुम फीस दोगे, यदि कुछ पूछना शेष रह गया तो यहां से तुम्हारा पुनः जाना और उस डाक्टर को मिलना मुश्किल. फिर पांच सौ रुपये देकर समय नष्ट करना पड़ेगा और होटल में ठहरकर पुनः पैसा खर्च करना होगा, अस्तु विस्तृत रूप से सब कुछ पूछ लेना. वह पूछने की आदत से लाचार थे. पूछना भी एक बीमारी है और हमारे जीवन में भी ऐसी बीमारी आ गई कि हर चीज़ में हम पूछेंगे. एक बार में जो काम हो सकता है उसके लिए दस बार पूछेंगे. महाराज ये माला गिननी ? कितनी गिननी ? किस तरह से गिननी ? कहां पर गिननी ? क्या खाना? क्या छोड़ना ? क्या करना ? इस प्रकार पचास बार पूछेंगे. अगर श्रद्धा का गुण अन्दर आ जाए तो राम-राम रटते रटते मरा-मरा करने वाला भी राम को पा जाता है. शब्द में सुन्दरता नहीं, वहां तो भावों में सुन्दरता चाहिए. शब्द तो मरा हुआ है. हमारे भाव ही उसके अन्दर प्राण का संचार करते हैं. मरा मरा करने वाला अर्जुनमालि जैसा पापी भी तर गया. राम-राम करने वाले रह गए क्योंकि उसमें श्रद्धा का गुण था. राम को प्राप्त करने की उसके अन्दर प्यास थी परन्तु हम आदत से विवश हैं कि हर प्रसंग पर तर्क का सहारा लेते हैं. मफतलाल ने कहा "डाक्टर साहब! आपने जो कहा वह बिल्कुल सही दवा मैं ले लूंगा और उसे दूध के साथ लूंगा, परन्तु कुछ पूछना चाहता हूं पूछें?" "हां-हां बेशक." "डाक्टर साहब अगर दूध न मिले तो यह दवा पानी से ले सकता हूं?" "हां-हां कभी ऐसा मौका आ जाए दूध न मिले तो पानी से ले सकते हो." "डाक्टर साहब मुझे यह बतलाइये कि दूध गर्म चाहिए या ठण्डा ? " ""एज यू लाइक आपको जो पसन्द हो दूध के साथ लेना ज्यादा ठीक है." डाक्टर साहब आजकल तो दूध डेयरी का आता है. भैंस का चलेगा या गाय का ? अरे ! आपकी मर्जी में जो आये उसी प्रकार का दूध पीजिए. "डाक्टर साहब! दूध शक्कर डालना है या नहीं ?" "वह आपकी इच्छा पर है, "एज यू लाइक" जो आपको पसन्द है, वह कीजिए." 166 For Private And Personal Use Only da
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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