SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 937
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचार रत्नसार. २८५ प्र०-वेसठशलाकापुरुषोना जीयो केटला तथा माता पिताना जीवोनी संख्या केटली छे ? उ०-त्रेसठशलाका पुरुषोना जीव ५९ छे. तेहनी विगत-त्रणजीव चक्रवर्तिनी पदवीना ओछा थया तथा एक वासुदेव थया ए ४ जीवो घट्या तेथी ५९ थया. तथा ५९ जीवना माता ६० पिता ५१ कह्या छे तेहनी विगत. २४ जिननी माता, ९ चक्रीनी माता, ९ वासुदेवनी माता, ९ बलदेवनी माता, ९ प्रति वासुदेवनी माता एवं ६० माता जाणवी. हवे पिता ५१ तेहनी विगत, २४ जिनना पिता, ९ चक्रीना पिता, ९ वासुदेव तथा बलदेवना पिता, ९ प्रतिवासुदेवना एवं ५१ पिता जाणवा. एणी रीते पदवी ६३, जीव ५९, माता ६०, पिता ५१ ए रीते अर्थ. २८६ प्र०-श्रीऋषभदेवस्वामी केटला वर्षनो काल गृहस्थाश्रमे वस्या तथा सर्वायु केटला वर्ष जीव्या. उ०-ऋषभदेवस्वामी वीसलाखपूर्व कुमारपणे रह्या तेहना वर्ष केटलां चौदलाखकोडाकोडी इग्यारहजारकोडाकोडी वली बसेकोडाकोडी१४११२०००००००००००००००० एटला वर्ष कुमारपणे रह्या त्यारपछी ६३ लाखपूर्व राज्यावस्था भोगवी तेहना वर्षे केटला ? धुंवालीसलाख कोडाकोडी पीस्तालीसहज्जारकोडाकोडी बत्रीसें कोडाकोडी एंसीकोडाकोडी तेहना आंक For Private And Personal Use Only
SR No.008661
Book TitleShrimad Devchandra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year
Total Pages1084
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Worship
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy