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________________ ३३ १४ १५ लग्न तिथी वार- आयर्क्षव्यय तारांशाधिपात् क्षेत्रफले क्षिपेत् अर्के भक्ते भवेल्लग्न मथ लग्नेष्ट संगुणे ॥ ३७ ॥ हते शरकैः शेषन्तु तिथिर्नाम समं फलम् तिथौ नवघ्ने वारः स्यानूर्काद्योमुनिभिर्द्धते ॥ ३८ ॥ ઘરનુ ગણિત કરતાં આવેલ આય, નક્ષત્ર, વ્યય, તારા, અંશક અને અધિપતિના અંકોમાં ક્ષેત્રફળના અંકના સરવાળાને મારે ભાગતાં જે શેષ રહે તે લગ્ન જાણવું. લગ્નના અંકને આ ગુણીને પંદરે ભાગતાં શેષ રહે તે તિથિ વાર જાણવી તેનુ ફળ નામ પ્રમાણે છે. તિથિને નવે ગુણીને સાતે ભાગતાં શેષ રહે તે વાર જાણવા. ૩૦-૩૮ क्षीरार्णव अ. - ९९ क्रमांक अ.-१ घरका गणित करते आये हुए आय, नक्षत्र, व्यय, तारा, अंशक और अधिपति अंकों में क्षेत्रफलका अंक मिलाकर बारहसे विभाजित करते जो शेष रहे उसे लग्न समझना । लग्नके अंकको आठसे गुनकर पंद्रहसे विभाजित करते जो शेष रहे उसे तिथि जानना । उसका फल नामके अनुसार है । तिथिको नौसे गुनकर सातसे विभाजित करते जो शेष रहे उसे 'बार' समझना । ३७-३८ लग्नफल - वृषभ सिंह वृश्चिक कुंभ लग्न उत्तम फलवाले, मिथुन कन्या, धन मिन लग्न मध्यम फलवाले, मेषं कर्क तुला मकर लग्न कनिष्ठ फलवावे हैं । उसमें कनिष्ठ फलवाले लाग्नको तज देना | तिथिफल - पष्ठमी, एकादशी, एका, नंदातिथि - ब्राह्मणके लिये श्रेष्ठ, दूज, सप्तमी, द्वादशी, भद्रातिथि-क्षत्रियके लिये श्रेष्ठ, तृतीया, अष्टमी, त्रयोदशी - वैश्यके लिये श्रेष्ठ, चतुर्थी, नौवीं, और चतुर्दशी - रिक्ता तिथि - शूद्रके लिये श्रेष्ठ, दशवीं और पूर्णिमा देवमंदिरोंके लिये श्रेष्ठ उससे उलटी तिथियाँ नेट जानना । वारफल - ध्वजाय हो तो रविवार श्रेष्ठ, वृषाय हो तो सोमवार श्रेष्ठ, धूम्राय हो तो मंगलवार श्रेष्ठ, खर और श्वानाय हो तो बुध, गजाय हो तो गुरुवार श्रेष्ठ, ध्वांजाय हो तो शुक्रवार श्रेष्ठ, सिंहाय हो तो शनिवार श्रेष्ठ समझना । इससे उलटा तजना | बार प्रकारांतर - क्षेत्ररुद्रगुणं कृत्वा सप्तमिर्भागमाहरेत् शेषंख्यादयोवारा रवि भौमौ विवर्जितौ ॥३९॥ ક્ષેત્રફળને અગ્યારે ગુણીને સાતે ભાગતાં જે શેષ રહે તે અનુક્રમે રિવ આદિ સાત વારા જાણવા. તેમાં રિવ અને મગળવાર તજવા, ૩૯ क्षेत्रफलको ग्यारहसे गुनकर सातसे भागते जो शेष रहे उसे अनुक्रमसे रवि आदि सातवार जानना । उसमें रवि और भोम घारको तजना । ३९.
SR No.008421
Book TitleKshirarnava
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherBalwantrai Sompura
Publication Year
Total Pages416
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Art, & Culture
File Size13 MB
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