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________________ हैमलिङ्गानुशासनविवरणगतशब्दानामकाराद्यनुक्रमणिका । ५६ ११४७! मनन० ३४ शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पती शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पड़ी शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पती शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पक्षी शकल न. ३६ २१ शमल न. शर्मन् पुं० ३९ ६७ शादल न० ३ ६ ३० शकल पुन ७५ १|शमल आ०लि. शर्वरी स्त्री. १९ ७५ शान्त न० ११ २. शकुन पुंन. ११ शमला न. ४. ६३] शल न० ३६ ६८ शान्त पुं० ११ १६ शकृत् न. ४० ६६ शमि पुंस्त्री० __ ५७ ३१ शल पुं० १५ ७२ ! शाम्बरी श्री. २९ ३८ शक्ति स्त्री __ २३ ३६. शमी स्त्री. २१ १४ शलभच्छाय न० ४५ ५८ शायिका स्त्री. . २४ ६॥ शक्करी स्त्री २६ ५३ शमीर पुं० शलल त्रिलि. ८३ १५ शार आ.लि. ५६ ४७ शङ्कपुन. ५३ १ शमीर पुं०। ८७ ७१ शलाका स्त्री० २७ | शार पुं० शङ्ख पुं. ४४ शमीरु पुं. शलाटु आ०लि. .४२ ६७ शारद पुं. ११ ३४ शङ्ख पुंस्त्री . शम्पा स्त्री० शलालु न. ५२ ४० शारा श्री. शकुला स्त्री. ११ ४८ शलि पुंस्त्री० ५७ ५० शाराव त्रिलि. ८७ ४२ शङ्ग पुंन. शल्क न. ४८ ४ शारि स्त्री०३३ १६ शङ्ख पुं. शम्बर न० ४० ७४ शल्मलि पुंस्त्री. | शारिफल पुंन० ६८ ४१ शम्बर त्रिलि. शडि स्त्री० शल्य पुंन० २ १ शारिफलक पुन० ६३ १९ शम्बला पुन० शण न. | शारिवा स्त्री० शल्यक पुं स्त्री० ५५ १८ ३१ १ शम्बूक पुंस्त्री० १२ ३६ २५ शण्ढ पुं. शारी स्त्री० शम्या स्त्री० शव पुंन० ५६ ४५ २९ शत त्रिलि. ११ ४२ शाकर पुं०३ ७२ शत पुन ६७ ६३ शय पुं० १० ५० शश पुं०६ १२ ४६ | शाल पुंन० ७५ २४ शतधार पुं. शयन पुंन. ७. १४ शशोर्ण न. शयन न. ७. १४ | शाल पुंस्त्री. शतपत्र पुंन० ४० ५४ | शयनीय न० . ८८ ८० ६८ शष्कण्डी अलि० ३! शाला स्त्री० ३० ३८ शतपर्वन स्त्री. १४ शालाजीर पुं० शतपर्विका स्त्री. १ १० शयातु न. ३४ ६९ शालार न० शयित न० ९० ५६ शतभिषज् नी० ८३ ६२ शष्प पुंन० ७. ५० शालि पुं० शय्या स्त्री० १३ २३ शतमान पुन. ६९ शस्त न. ४१ ६७ शालूक न. ४८ ३० शतवल्ली स्त्री० २१ ६७ शस्त्र स्त्रीन. १२. शालुकिनी स्त्री. शतदा स्त्री० १९ ५१ शस्त्र पुं० ११ ६८ शाल्मलि पुंस्त्री० ५७ ५१ शरण शताङ्ग पुं. शस्त्री स्त्री० १४ शाल्मली स्त्री. शरच्छाय न० २० ४४ शत्रु पुं. शाक पुंन. शासन न. ८० ६८ शनैश्चर पुं० शाखा स्त्री० ५६ शास्त्र न. ३७ ६९ शपथ पुं० २ ३८ शरभ पुं० शाट पुं ५२ शिंशा स्त्री० २० २७ शफ पुंन० ___७० ३६ | शरव्य न० शाटक पुंन. शिंशपान्यग्रोध पुं.द्वि०८६ २९ शाटक पुं० शफर पुत्री शरारि स्त्री० शिखण्ड पुं० १५ ५७ शबर पुं. ९० ५८| शराव पुंन. शिखण्डिनी स्त्री. २२६ शबल आ.लि. १३ २ शरासन न. ४१ शिखर पुंन० ७२ १४ शबल पुं० १३ १ शरीर पुंन० ७४ ५ शाण पुं०१ शिखरिणी स्त्री० शब्द पुं० १३ ३ शरीरिन् पुं० शाणा स्त्री. शिखरी पुं० शन्दप्रह [. ३१ शरु पुं० शाणी स्त्री ३३ ५० शिखा स्त्री० २७ ५६ शब्दधि पुं० १० ३१ शकेरा स्त्री. १९ ७४ शातकुम्भ त्रिलि० ४३ ९/शिखिकण्डाभ। शम पुं. १० ५१| शर्मन् न. ४१ ५३ शात्रव पुं० शमन न० ४१ ६१ शमन् आ० लि. ४१ ५४i शाद पुं० ११ ७३ शिखिग्रीव न. ४२ ४ शष्फुली बी. ६. र शरद् नी. शाटि स्त्री ३२ आ०लि.पुं० १३ २
SR No.008409
Book TitleSwopagnyashabda maharnavnyas Bruhannyasa Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorLavanyasuri
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year
Total Pages522
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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