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________________ १७२ तृतीयपरिशिष्टे-- HowwwwwwwwwwwwwwwwwNananwwwwwww muvvvvvvwwwwwwwwwwwmvwwwmaramaiamrowmannnnn ३५ ७४ ९ १० पृष्ठ-पली शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पती ७५ व्यलीक ऍन. ६२ ६६ ३९ ७४ | व्यवस्था स्त्री० २४ २३ ३८ ७ व्यसन न. ३५ ३८ व्याकरण न० व्याघ्री स्त्री० १९ ५६ १८ १व्याज पु० ३० व्यात्युक्षी स्त्री० २४ ५० ११ व्याधि पुं० १. २० ६६ व्यान पुं० १३ ४२ १२/ व्यापद् स्त्री० २४ ४६ १३ व्याम पुं० १४ | व्यायाम पुं. ६२ व्याल पुं० १०) व्युत्थान न. ९ व्युष्ट न. ४८ ६. ६६ व्युष्टि स्त्री. २३ १५ ७६ व्यूह पुं०८ ७७ १२ व्योमन् न० १ ० १२ ६० व्योमध्वज न० ५१ ९ । व्योममजर नस्त्री० ९५ व्योममेघ न. ५१ १० व्योष न० ब्रज पुन. ६५ २८ ४४ س ت م शब्दः, लिङ्गम् , पृष्ठ-पती शब्दः, लिङ्गम्, पृष्ठ-पङ्की | शब्दः, लिङ्गम् , विष्टि स्त्री० ३३ २३ ! वृक्षोद्भव न. ४२ ६३ वेदि स्त्री. विष्टि आ.लि. ३३ २२ वृजय न. १३ ८ वेधस् पुं० विष्ठा स्त्री० २८ २४ वृजिन त्रि.लि. १. ६७ वेध्य न. ५९वृजिन न. वेनि स्त्री० विष्णु पुं० १२ ३९ वृजिन पुं० वेपथु पुं० विसर्ग ० ९ ३७ बृत न० वेमन् पुन. विसल न० ३६ २१ वृत्त पुंन. ६७ ५५ वेर पुं न. विसार पुं० ८ १६ वृत्त अव्य. ६. ५० वेला स्त्री. विस्तार पुं० ७ ७६, वृत्ति पुं० वेल्लज न. विस्फार पु. १३ ।। वृत्ति स्त्री० २३ १३ वेल्लिताम्र पुं० विस्रम्भ पुं० ८ १८ वृत्तान्त पुं० वेश पुंन. विनसा स्त्री०३१ २४ वृत्तान्तक न० वेश पुं० विहजिका स्त्री० २७ ५२... १२ वेशन्त पुं. विहाय पुंन० -७९ २५ वेश्मन् न. विहार पुंन. ७३ ५५ वृद्ध न. वेष पुंन० विहार पुं. ___९ ६३ वृद्धि स्त्री. वेषवार पुन वेटन न० वीकाश पुं० ८ ४१/ वृन्द न. वैजयन्ती स्त्री० २९ वृश न. वीक्ष न. वीचि स्त्री. वैडुर्य न. २० २ वृश्चिक पुंस्त्री. ५५ १८ | वैणवी स्त्री. वीणा श्री. २० ४६ वृष पुं० १८ ३१ ३७ वीत न० ९. वृषण पुन वैद पुंस्त्री० ६७ १५ वैदग्धी स्त्री. । वीतंस पुन वृषभ पु०स्त्री वैदग्ध्य न. वीथि स्त्री० ३६ २६ वृषा नी. वीर का.लि. वीर न. वैनयिक न. वीर त्रिलि. ३४ वृष्टि स्त्री० २३ १५ वैनतिक पुंन० | वृष्णि पुं० १८ ६४ वैमत न. वीरणकन्था स्त्री० ४७ २० सी स्त्री. ३४ ३० वैर न० वीरणशलाका स्त्री० २७. ५०/ वेकेरुका स्त्री. २२ ५ वैशाख न० वीरतर पुन वेग पुं० वीराशंसन न. ३५ ७५ वेणि स्त्री वीरुध् स्त्री० २० २७ वेणु पुं० __ ५ ६९ वैश्य पुं० वीर्य न. ३८ १८ वेणुक न. ४७ ६१ वैश्या स्त्री. वीर्य स्त्रीन० ८१ ७३ वेणुक पुं० व्यज पुं. वील न. ३६ २६ वेतक न. व्यजन न. वीवध पुं० ९ ६५ वेतन न. व्यञ्जन न. वृक्ष पुं० १२ ५ वेतस पुंस्त्री० व्यतिकर पुं० वृक्षक पुं० २४ ६९/ वेदन पुन २४ ४० व्यथा स्त्री. वृक्षाय न. ३७ ३३ | वेदना स्त्री. २४ ३५ । व्यध पु. ६२ ३९ वृषी स्त्री० } १९ ५२ वैदही स्त्री २४ ६५ व्रण पुंन. वीर पुं० व्रज्या स्त्री. २४ व्रत पुंन. ४७ व्रतति स्त्री. ४५ व्रतति स्त्री० १. वात पुं० १९ ६७ ३२ १९ १६ ४ १५ १४ वैशाख पुं०२ ब्रीड पुं० । ५५ ३ ३०' ब्रीडा स्त्री. ५२ व्रीहि पुं० १३ २० ७१ शंयुवाक पुं० ४७ शकट न. १५. शकट त्रिलि. ५२ शकटयुग पुं० ४१. शकटि स्त्री. १४ ५३ ४१ ६६ ८४ ५८ १४ ३६ ३१ १४
SR No.008409
Book TitleSwopagnyashabda maharnavnyas Bruhannyasa Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorLavanyasuri
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year
Total Pages522
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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