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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates निर्जरा अधिकार उपभुक्तं निर्जीर्यते, कुत्स्रकर्माभावात् साक्षान्मोक्षो भवति। (शार्दूलविक्रीडित) अच्छाच्छाः स्वयमुच्छलन्ति यदिमाः संवेदनव्यक्तयो निष्पीताखिलभावमण्डलरसप्राग्भारमत्ता इव। यस्माभिन्नरसः स एष भगवानेकोऽप्यनेकीभवन् वल्गत्युत्कलिकाभिरद्भुतनिधिश्चैतन्यरत्नाकरः।। १४१ ।। किञ्च निर्जरा को प्राप्तहो जाता है, समस्त कर्मोंका अभाव होनेसे साक्षात् मोक्ष होता है। ( ऐसे ज्ञानके आलंबनका ऐसा माहात्म्य है।) भावार्थ:-कर्मके क्षयोपशमके अनुसार ज्ञानमें जो भेद हुए हैं वे कहीं ज्ञानसामान्यको अज्ञानरूप नहीं करते, प्रत्युत ज्ञानको प्रगट करते हैं; इसलिये भेदोंको गौण करके, एक ज्ञानसामान्यका आलंबन लेकर आत्माको ध्यावना; इसीसे सर्वसिद्धि होती है। अब इस अर्थका कलशरूप काव्य कहते हैं: श्लोकार्थ:- [निष्पीत-अखिल-भाव-मण्डल-रस-प्राग्भार-मत्ताः इव] समस्त पदार्थों के समूहरूपी रसको पी लेने की अतिशयतासे मानों मत्त हो गई हो ऐसी [ यस्य इमाः अच्छ-अच्छाः संवेदनव्यक्तयः] जिनकी यह निर्मलसे भी निर्मल संवेदनव्यक्ति (-ज्ञानपर्याय , अनुभवमें आनेवाले ज्ञानके भेद ) [ यद् स्वयम् अच्छलन्ति ] आपनेआप उछलती है, [ सः एष: भगवान् अद्भुतनिधिः चैतन्यरत्नाकरः] वह यह भगवान अद्भुत निधिवाला चैतन्यरत्नाकर, [अभिन्नरस: ] ज्ञानपर्यायरूपी तरंगोके साथ जिसका रस अभिन्न है ऐसा, [ एक: अपि अनेकीभवन् ] एक होनेपर भी अनेक होता हुआ, [ उत्कलिकामि: ] ज्ञानपर्यायरूपी तरंगोंके द्वारा [वल्गति] दौलायमान होता हैउछलता है। भावार्थ:-जैसे अनेक रत्नोंवाला समुद्र एक जलसे ही भरा हुआ है और उसमें छोटी बड़ी अनेक तरंगें उठती रहती हैं जो कि एक जलरूप ही हैं, इसीप्रकार अनेक गुणोंका भंडार यह ज्ञानसमुद्र आत्मा एक ज्ञानजलसे ही भरा हुआ है और कर्मोंके निमित्तसे ज्ञानके अनेक भेद-(व्यक्तिऐं) आपने आप प्रगट होते हैं उन्हें एक ज्ञानरूप ही जानना चाहिये, खंड खंडरूपसे अनुभव नहीं करना चाहिये। १४१। अब इसी बातको विशेष कहते हैं: Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008303
Book TitleSamaysara
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorParmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages664
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Spiritual
File Size3 MB
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