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________________ भार (भार) भार महप्पसाय (महाप्रसाद) मोटा कुमारवर (कुमारवर) उत्तम कुमार प्रसादवाळो-सुप्रसन्न-कृपालु आहार (आधार) आधार मास (मास) मास-महीनो गरुल (गरुंड) गरुड पक्ख (पक्ष) पक्ष-पखवाडियुं, पंख-पांख, पख-तरफदारी रणवास (अरण्यवास) अरण्यमां वेसाह (वैशाख ) वैशाख मास वसवू-वनमा रहे उवासग ( उपासक ) उपासकसव्वसंग (सर्वसङ्ग) सर्व प्रका उपासना करनार रनो संग-संबंध-आसक्ति | कोववर (कोपपर) कोपमां तत्पर महासव ( महास्रव ) मोटो -कोपी-क्रोधी आस्रव-पापोनो मोटो मार्ग सोवाग (वपाक) चांडाळ अकारांत (नान्यतरजाति) आभरण (आभरण)आभरण-घरेणुं । रूव (रूप) रूप घर (गृह) घर कुल (कुल) कुल-कुळ पंजर (पञ्जर) पांजरुं घय (घृत) घी उदगो (उदक) उदक-पाणी तण (तृण) तरj-घास उदय) मित्तत्तण (मित्रत्व) मित्रत्वहुअ (हुत) होम मित्रता-भाईबंधी विशेषण बुद्ध (बुद्ध) बोधवाळो-ज्ञानी सुत्त (सुप्त) सुतेलु-आळसु अप्पणिय (आत्मीय) आपणु हुत (हुत) होमेलं-हवन करायेलं पासग (दर्शक-पश्यक? ) द्रष्टा से? (श्रेष्ठ) श्रेष्ठ-सारं समझनारो-विचारक संभूअ (संभूत) संभवेलो-थयेलो परिसोसिय । ( परिशोषित ) बउत्थ (चतुर्थ) चोथु परिसोसिअ परिशोषित तद्दन सुकायेलं तिण्ण (तीर्ण) तरी गयेलु विज (द्वितीय) बीजें
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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