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________________ गीत (गीत) गीत, गायेलं जुग्ग पाण (प्राण) प्राण-जीव | अप्पाण (आत्मन् ) आत्मागंध (गन्ध) गंध पोते-आप काम (काम) काम-तृष्णा-इच्छा नान्यतर जाति जल (जल) जळ-पाणी कुम्पल । ४९(कुड़मल) कुंपळ रयय (रजत) रजत-रू कुंपल -फणगो रुप्प (रुक्म)५० रूपुं जुम्म । ५१ (युग्म) युग्म-जोडं मित्त (मित्र) मित्र दुक्ख (दुःख) दुःख कम्म (कर्म) काम-कार्य-सारी सुक्ख (सौख्य) सुख नरसी प्रवृत्ति चारित्त (चारित्र) सच्चारित्र घाण ( घाण ) घ्राण-नाक-सुंघ-सद्वर्तन वानुं साधन सीस (शीर्ष) शीश-माथु सयढ (शकट) छकडो-गाडंगुत्त (गोत्र) गोत्र-वंश शकट गहण (ग्रहण) ग्रहण करवान पद। (पद) पद-पगलं पंजर (पञ्जर) पांजरूं जुग (युग) धोंसरं सील (शील) सदाचार लावण्ण । (लावण्य) लावण्य कांति लक्खण। (लक्षण) लक्षणरसायल (रसातल) रसातल- लच्छण लखण-चिह्न पाताल छीअ (क्षुत) छींक ४९ 'ड्म' नो प्प थाय छेः कुड्मल कुंपल. ५० 'क्म' नो 'प्प' थाय छः रुक्मरुप्प. रुक्मिणी-रुप्पिणी. ५१ 'ग्म' नो विकल्पे 'म्म' थाय छः युग्म जुम्म, जुग्ग. तिग्म-तिम्म, तिग्ग. साधन खीर) (क्षीर) क्षीर-खा छीर (क्षीर) क्षीर-खीर-दूध लायण्ण
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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