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________________ धातु पुण (पुना) पुणQ-पवित्र कर गंठ् (ग्रन्थ) गंठवू, गुंथर्बु थुण (स्तुनु) थुणवं-स्तुति करवी ! गज्ज् (३१ गर्ज) गानQ वच्च (ब्रज) फरता रहेवू मिला (म्ला) म्लान थqकुद्द (कूर्द) कूदवं करमावू अच्च (अर्च) अर्चq-पूजवं गिला (ग्ला) ग्लान थ, गळवूवड्द (वर्ध) वधवू क्षीण थर्बु भम् (भ्रम) भमबुं चिइच्छ (चिकित्स) चिकित्सा ___ करवी-रोगनो उपचार भम्म् (भ्राम्य) भमवू करवो भिंद (भिनद्) भेदQ-कटका करवा जग्ग् (आग्र] जागवू छिंद् (छिनद् ) छेद वीसर (वि+स्मर्] वीस सिंच (सिञ्च) सींचq जम्म् (जन्सन् ) जन्मकुं मुंच (मुच्च) मूकवू रुव (रुद) रोवू लुण (लुना) लणवू-कापवू तोल (तोल) तोळवू ३१ संयुक्त अक्षरमा आगळ रहेलो के पाछळ रहेलो 'र' लोप पामे छे. 'र' नो लोप थया पछी बाकी रहेलो शब्दनी अन्दरनो व्यंजन बेवडाय छे. जेमके:आगळनो 'र'-गर्ज-गज-गज। अर्च-अच-अच्च । कूर्द-कूद-कुह । वर्ध-वध-वड । वार्ता-वता-वत्ता । अर्कः-अको-अको। पाछळनो 'र-प्रन्थ-गंथ-गंठ। भ्रम-भम । रात्रिः-रती-रती। चक्रम् चकं-चकं ।
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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