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________________ छणपय । (क्षणपद) हिंसा- । तग्ग तागडो-त्रागडो छणपण हिंसानुं स्थान तण (तृण) तर[-घास छत्त (छत्र) छत्र-छत्री तंब (ताम्र) तांबु छिक छींक तंबोल (ताम्बूल) तंबोळ-नागरवेछिदय (छिद्रक) छींडु लर्नु पान छिल्लर (छिल्लर) पाणीनुं खाबोचीयु ताण (त्राण) रक्षण-शरण-आशरो छीअ (क्षुत) छींक तालु (ताल) ताळवं जउ (जतु) जतु-लाख तिमिर (तिमिर) तम्मर-अंधकार जल (जल) जळ-पाणी तिलय (तिलक) टील जाण (यान) यान-वाहन तेल (तैल) तेल जाणु (जानु) जानु-जांघ-साथळ तुद (तुन्द) दूंद-पेट जीवण (जीवन) जीवन-जींदगी दहण (दहन ) देण-दहन-आगे जुग (युग) धोंसरु बळबु जुज्झ। (युद्ध) युद्ध-लडाई दहि (दधि) दहीं दंतपवण (दन्तपवन) दंतवणजुम्म । (युग्म) युग्म-जोडं-जोडी दातण जुग्ग। जेमणय जमणु दाण (दान) दान जोव्वणय (योक्न) जोवनक-यौवन | दारु (दारु) लाकडं दालिद ( दारिद्रय ) दळदरमुह झडं टिक टिकी-टीलं-तिलक दिण (दिन) दिन-दन-दनियुनिलाट (ललाट) निलाट-ललाट दिवस जयर) दीवेल्ल । (दीपतैल) दीवेलणगर (नगर) नगर-शहेर दीवतेल्ला दीवो बाळवावें तेल नगर नयर) दुक्ख (दुःख) दुःख णिव्य । (नीव) नेवु-छापरानु । दुद्ध (दुग्ध) दूध निव्व। नेवू । धण (धन) धन दारिद्रय
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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