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________________ -बाळक सिलो (श्लोक) लोक-कीर्ति | सोवाग (वपाक) चांडाळ सिलोग। सोमित्ति (सौमित्रि) सुमित्रानो पुत्र सिसु (शिशु) शिशु-बाळक सिंगार (शृङ्गार) शृंगार-शणगार सोरहिअ (सौरभिक) सरैयो-सुरमिसीआल (शीतकाल) शियाळो सुगंधी-तेल वगेरेने वेचनार सीस । (शिष्य) शिष्य-विद्यार्थी सोवण्णिय (सौवर्णिक) सोनीसिस्सा सोनुं घडनार सीहो (सिंह) सिंह हत्थ (हस्त) हाथ सिंघ हत्थि (हस्तिन् ) हाथी सुत्तहार (सूत्रधार) सुतार हर (हर) हर-महादेव सुमिण) हरिअंद (हरिश्चन्द्र) हरिचंद राजा सिमिण (स्वप्न) सपर्नु-सोj हरिएसबल (हरिकेशबल) मूळ सुविण चंडाळ कुळमां जन्मेलो एक सिविण) जैन मुनि सुरह (सुराष्ट) सोरठ देश हरिण (हरिग) हरण सुरटुअ । सुराष्ट्रीय । सोरठनो । हरिताल (हरिताल) हरताळ सोरट्रीमो सौराष्ट्रीय । वतनी- रिस (हर्ष) हरख-हर्ष सोरठी लोक हव्ववाह (हव्यवाह) हव्यवाह-अमि सूअर (शुकर) शूकर-मुंड हेमंत (हेमन्त ) हेमंत ऋतुसेहि (श्रेष्ठिन् ) श्रेष्ठी-शेठ शिआळो
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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