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________________ २०६ : वोज्झअ बोजो स, सुव (स्व) स्व- पोते-पोतानुं स (श्वन्) श्वान - कूतरो सउणि ( शकुनि) शकुनि - पक्षी सज्ज (षड्ज) षड्ज - एक प्रकारनो सूर -सट ( शठ) शठ-लुचो सह (शब्द) शब्द -- साद - अवाज सप्प (सर्प) साप · सम (सम) बधुं समण (श्रमण) शुद्ध माटे श्रम करनार - संतपुरुष समन्तदंसि (सम्यक्त्वदर्शिन् ) सत्यने जोनार - समजावनार-आचरनार समुह ) (समुद्र) समुद्र-समुदर समुद्र । सयंभु (स्वयंभू ) स्वयं थनार-ब्रह्मा, ते नामनो समुद्र सरह (सत्य) सत्य नामनो पहाड, सही शकाय ते सर ( स्मर) स्मर- कामदेव सवह (शपथ ) शपथ - सोगन सव्व (सर्व) सर्व- - सब- बधुं सब्वज (सर्वज्ञ) सर्वज्ञ - बधुं जाणनार सव्वण्णु (,, ) सर्व जाणनार सव्वसंग (सर्वसङ्ग) सर्व प्रकारनो संग-संबंध-आसक्ति संकु (शंकु ) शंकु - खीलो संख (शङ्ख) शंख संग (संग) संग - सोबत संतोस (संतोष ) संतोक संभु (शम्भु) शंभु- सुखनुं स्थानमहादेव संवत्तअ (संवर्तक) संवर्तक- वायु संसार (संसार) संसार - जगत् संसारहेउ (संसारहेतु) संसारमो हेतु - संसार वधवानुं कारण साणु (सानु) शिखर साड ( शाट) साङलो - साडी साडय ( शाटक) 29 साडवी ( ( शाटविम् ) साळवी - साडी वणनार د. सारहि ( सारथि ) सारथि - रथ हांकनारो साव ( शाप ) श्राप सावय ( श्वापद) सावज साहु (साधु) साधक, साधन करनार - साधुपुरुष, सज्जन, शाहुकार सिआल (शृगाल) शिआळ सिद्ध (सिद्ध) अदेही - वीतराग सिम (सिम) बधुं सिलिम्ह (श्लेष्मम् ) श्लेष्मा सिलेसम ( ) सळेखम ॐ
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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