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________________ १४२ आढव (आ+रम् ) भारंभवु-शरू । परिआल (परिवार) परिकृत कर ___करवु-वींटवू चुक्क् (च्युतक) चूकवु-भ्रष्ट थर्बु पयल्ल् (प्र+सर) फेल, नीहर् (निर्+सर्) नीहरपुलो +लोक्) प्रलोक-जोवू नीसरवू पुलआअ (पुलकाय) पुलकित समार् (सम्+आ+त्य् ) समार थQ-उल्लसतुं सूड (द) सूडवु-नाश करवो वलग्ग (वि+लग्न) वळग-चडवु पक्खाल् (प्र+क्षाल्) पखाळवु- गढ़ (घट) घडवू धोवू जम्मा (जम्भ) बगासु खावू सिह (स्पृह) स्पृहा करवी तुवर् (त्वर) त्वरा करवी पट्ठव (प्र+स्थाप्) पाठवq पेच्छ (प्र+ईक्ष) जो विण्णव (वि+ज्ञप) वीनवq चोप्पड्-चोपडवू अल्लिव-आलवू अहिलंख (अभि+लष)अभिलष, ओम्वाल (उन्+प्लाव) प्लावित अहिलंय -इच्छा करवी चड् (चट्) चड, .. करवु वग्गोल् (वि+उ+गार-व्युगार) नि+क्खाल। (नि+क्षाल्) नीखानि+क्खार -धोवु ___ वागोळवं | विच्छल (वि+क्षल) वींछळवू-धोवू स्त्रीलिंगी सर्वादि 'सव्वी' 'सव्वा' 'ती' 'ता' 'जी' 'जा' 'की' 'का' 'इई' 'इमा' 'एई' 'एआ' अने 'अमु' वगेरे स्त्रीलिंगी सर्वादि शब्दोना रूपो 'माला' 'नदी' अने 'घेणु' नी जेवां योजी लेघानां छे. विशेषता आ प्रमाणे छः ती, ता . णी, णा (तत्-ता)
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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