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________________ तालु (ताल) ताळवू जोव्वण (यौवन) जोवन-यौवन दारु (दारु) दारु-लाकडं दीवेल्ल । (दीपतैल) दीवेलचार । (द्वार) बार-बारj दीवतेल्ल दीवो बाळवानुं तेल दुवार) कोहल (कूष्माण्ड) कोलु णडाल (ललाट) निलाट-ललाट दहण (दहन) देण-दहन-आगभाल (भाल) भाल-कपाळ ललाट बळवं वरिस (वर्ष) वरस तेल्ल (तेल) तेळ दिण (दिन ) दिन-दन-दनियु- | तंब (ताम्र) तांबु दिवस | कंजिय (काजिक) कांजी विशेषण पढम (प्रथम) प्रथम-परथम सवाय (सपाद) सवायु-सवा. दियड्ढ ) (द्वितीयाध) जेमा एक बिहज (द्वितीय) बीजु-दूजु आलुं अने बीजें दिवड्ढ) अडधं छे ते-दोढ दुइज अड्ढीअ ) (अर्धतृतीय) जेमां तइय । (तृतीय) त्रीजुं अड्ढाइअबे आखां अने त्रीजु अड्ढाइज अडधुं छे ते-अड्ढी चउत्थ (चतुर्थ) चो) अधुट्ठ (अर्धचतुर्थ) जेमां त्रण पंचम (पञ्चम) पांचमुं आखां अने चोधुं अडधुं छे छट्ट (षष्ठ) छट्टुं ते-उंठ-साडात्रण सत्तम (सप्तम) सातमुं रत्त (रक्त) रातुं-रंगेलं भट्टम (अष्टम) आठमुं ठड्ढ (स्तब्ध) टाढो-ठंडो-स्तब्ध नवम (नवम) नवमुं -जड-थंभी गयेलं इसम (दशम) दशमुं बिझ्य)
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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