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________________ रायपसेणी। सज्झगेय पगेयाविहोत्था किते उर्द्धमताण सक्खाण सग्गण संखियाण खरमहाण परिपरियाण आइम्म ताण पणवाण पडिहाण अफालि ज्झतीण भभाण होरभाण तालिज्मतीण भेरीण भल्लरीण टुन्दु भीण आलवताण मुखराण नदिमुइगाण उत्तालिज्मताण आलिग णह तुवीण गोमुहीण मद्दलाणमुच्छिमताण वीणाण विपवीण वल्लकीण कुट्टिज्मतीण कच्छभीण चित्तवीणाण सारिज्मतीण वधीसाण सुघोसाण फुरिज्मतीण भामरीण बभामरीण परिवायणाण विप्पतीण तुणाण तुबविणाण अमोडिज्झतीण आमेडिझ माण उरालाण मुधिज्मतीण मुगदाण हुडकीण चिचिक्वाण वाइभ ताण करडाणा डिडिमाण किणियाण कड़वाया उत्ताडिज्झताण दिव्य प्रधान नृत्तसद्य गेय प्रतीता अप्यभवन, (कि ते) इत्यादि किञ्चते देवकुमारादेवकुमारिकाच प्रगीतवन्त', प्रवर्ति तवर्तितश्च (उधमन्ताण ससाण) मित्यादि। अव सर्ववापि पाटी सप्तम्वर्थे ततीऽयमों यथायोगमुदायमनादिषु शमवादिषु दह शमवर गशंखिका खरमुहीपेया पिरिपिरि काया वादनसुमानमिति प्रसिद्ध पणवपटहाना मामोटनम्, भम्भा होरम्भाणा मास्फालनम। मेरी झल्लरी दुन्दुभीना ताडनम। मुरजमृदा नन्दीमृदगानामालपन आलिग्य कुस्तुम्बगीमुवी मदलानामुत्ताडन बीमा विपञ्ची वल्लकीना मूछन भामरी परिवादनीना स्पन्दन वध्वीसा सुधी पा नन्दिधोयाणा सारण महती कछपीति बबीणाना कुवाना, आमोटत्कण्डानकुलानामामीटनम् । तुणतुम्बवीणाना स्पर्शन मुत्कुन्दहुडुक्का चिच्चिकीना मूर्तनम् । करटा डिण्डिमकिणिक कड सीएहोतुम्नरम प्रकारतेलयगृहतैलयसरीपु वाजिवन अनूमरनुगीतसप्रयुक्त वापारितछा बलीमीठुछ तालवसेपरवरपूठिगायबु घोलनासहितछद्र श्रोतानामननइहरतुछ स्वरोकरीसहित पक्षरपदनुमचारजेहनु थोतानदरतिऊपजावद सोभइछघणु ज भलु रूपछडजेहनू दिव सबधी नाटकनविपद मस्त्रथयुएइवु गीत वसेपपणदूगाताहुया वलीतहहूउहूउ मुखनफू कीनद वजाडवउ सखनदा सागनदरमक्खिकानद खरमुहीनदृश्परिपरायानइएवलान मुखद वज़ाडवू इणवउ पणचनइर टोलनदर पास्फालिचड मभानह होरभानब ताबडु मेरीनद झालरनद्र टु दभी घोडु बोलवउ सुखरवाजिननद नदिमुखनैनाइनु मादल विसेषपणइताडिबु आलिगन तु बीनद गोमुपीने मादलनद मूछनू दीवान विपचीनद वल्लकानद कूटवउ कच्छभान " चित्रवाणानद मारिवउ वधासबाजितवतपनद सुघोपानद फोटिवउ भामरीनइ छभमरीन छभामरोनद परिवादिनीनद फरिस नुग्णानहतुब वीणान घोडउ सरोज आमोटझमानद
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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