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________________ रायपरीषी । जहा सेवणसडेवा जाव खनवाडेद्रवा ममेयवियापासोमा सत्तगामसहस्सा चत्तारिभागे करेस्सानि एगेमागे फोडामार स्सामि एगेभाग य तेउरस्स दलइस्तामि एमे भागेगों sr लिय कूडागारसाल करिस्मामि तत्थां वनूचि पुरिमेधि दिगगामाच भत्तवेयहि विजन असण : उववडावेत्ता वा मामा मामा भिक्खूयाण पथिय पहियागाय परिभाण मागे २ वधूधि मानपच खागा पोसोववासेहि नाव विहरिस्मामि निकटू नाम वधिर्म पाड भूए तामेवदिसपडिगते ततेगा पढेमीराया कल्लपाड जीव तेजमा जलते सेयवियापामोक्वाति मत्तगाममम्मा' चचारिभाण कर्गत एग भाग वलवाहणम्स दत्तइति जाव कुडागारसानं कर्मत तत्थ बहूहि पुरिसेहि नाव वखवित्ता व मम माया भाव परिभाएमाणे विचरति तर्तगामे परंमीगवा मणामण ज्ञा अभि गवजावा जवे नाव विहरति जप्पड चगण पटमोराया मसणासण प्रयागेन नपु सकीकृतानामतपुर महलकान कञ्चुकिनामन्त पुर प्रयोजन निवेदका प्रती हेपूज्य हूं' पूर्वि रमणीक प्रुदन तिम वनड अथवा नसालवाड कि पत कर वेड चिदू भागि करस्स एक भाग बीडम पुरन मित्तम् कस्युदायु एकचerr तिहाड़पुरुष दास नवमृति टा इष्टरूपनिस्तीर्थं धानयामीयादिम नष्ट्र सन्यासीनोगी जयश्री मि · सुभाचाग्वृतवायाध्याननकरी मात स्यु इसकी क्षेत्रीय आवृत प्रभात ययुर्वजात्य का एक भाग अभावी अन्य पूर्व मनादिक जीव Career i фир 그 7 1
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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