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________________ .. रायपसैय्यी । .. चन्तारि पालिउवमातिदिई पाणत्ता मुरियाभस्सणभतेदेवस्स सामा . णिय परिसोववणगायां देवाण केवतियं काल विई पएणता गोयमा . चत्तारि पलितोवमातिदिई पराणत्ता महिदिए महजुत्तीए महीयसे. महासोक्खे मंडाणुभागे मूरियाभेदेवे अहोणमत सरिया देवे महि ट्ठीएं जाव महाण भावेंगे सूरियाभेग भतं देवणंसा दिल्या देवट्टी सादिव्वा देवट्टी सादिवो देवजुई दिब्बदेवाणभागे क्रियणालहे किपणापत्त किरणा अभिसमणागत' पुनभन्देके आसि किणाम एवा किवारत्तेपपावा कयरसिवा गामसिवा जावं सरिणवेससिवा किवादव्वा किवाभुव्वा किवा समापरित्ता कस्स वातहास्वस्त वा ५. समणस्स, वा माइणस्म वा अतिए पगमवि पायरिय सुवयणसोचा - णिस्सम्म जेण सूरियामेण देवेण सा दिव्या देवढी जाव देवाण, . भागेल पत्त अभिमणागते गोयमातिसमयण भगव महावीरे । भगव गोयमा आमत्तेत्ता .एवं ववामी एव खलु गोयमा, तेण कालेण तेण समएण इझेव ज वुद्दीवेदीवे:भारदेवासे केकयडे . “णाम जगावत्तेहोत्था रिइिथिमिव समि-तत्यण केय जणवए , .. नात्तदानी केवलानि जीवारपरिपालनती विनीतत्वेन च तथा भूताइव तिष्ठन्ति तत उत किटकर ____ भूता दुवैति । “तएहि वहि सामाणियसाहसीहि" इत्यादि सुगम यावत् "दिव्याइ भोगभोगाइ • भुन्नमाणेविहाइ इति सूरियासस्मणमन्ते देवरस केबदकाल मित्यादि सुगम(गामसवेनिग सते। - 'बुडयादीन गुणान यदि वा गम्य शास्त्रमसिद्धानामष्टादशानां कराणानामिति गम स्तस्मिन् नगर , सूयाभनीचार पल्योपमलगद स्थिति कही याभनी हे'न्य देवना सामानिक अभ्यतरपरिषदानी बदसणहार देवना केनलउ काल स्थिति कही भगवतक है? इंगौतम च्यार पल्योपमकही स्थिति -'कहीं महाद्विपरिवाररूपतेहनउभयी महाद्युतिकातिनउधणी महायसनुधणी महामुख धणी माहासामथ्र्यपण्यानुषयी मूयाभ देव क्लीगोतमयूछाहोणज्य भूयाभ देव महद्धि क मश धुति महानुभाग मूर्योभर हुपूज्य देवा तद्द प्रधान देवनीसद्धि ते प्रधान देवनीति तेह , प्रधान देवनीयुति प्रधान देवणभागसामर्थ्यपणा किंमलाघउ किम माम्युमै किम हातप्राप्तयकर .: पूर्वभवद कंत्रणहून स्यनार पथवा कुण्डगोबर कहा गामना विपई नकहानगरनविषद्र कहापुरनविपद स्यउअसनादिंदानदेड अंतस्यउ मातादिकप्रहारगोगवाएतलियाविलनीऊची
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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