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________________ : प्राग्वाटज्ञातीय कुछ विशिष्ट व्यक्ति और कुल-अष्टि बोरा खोसा :: [४१५ लिखा । श्रे. कसला कर्म-सिद्धान्त का अच्छा शाता था और उसकी नीमड़ी के संघ में भारी प्रतिष्ठा थी। स्वर्गस्थ श्रे० जेठा और कनिष्ठ कसला का परिवार भी विशाल था, जिसका नामवृक्ष नीचे दिया जाता है। वंश-वृक्ष वजी देवचन्द्र डोसा [हीराबाई] जीवराज कमल याद) कसला सोमवारी ਕੋਰੀਆ) ਜਗਕ ਆਕਾ) ਜਲ ਸੈਕਸ जयचन्द्र . खीमजी | - ठाकरजी । कर्मचन्द्र । हुक्मचन्द्र लाला लखा पानाचन्द्र . जसराज लघु मोती उम्मेद .. वल्लु भोषड़ देवसिंह मनसुख वाड़ीदास गफूल | वनम चन्द्र मोहन । . शिवा - अमोतक । शिवलाल सुखलाल | | जयसिंह शान्ति जगजीवन । पोपट - . जयंतीलाल छगन नानचन्द्र मणिकचन्द्र मगन ।' उगमसिंह मोहन श्रे० डोसा के द्वारा वि० सं०१८६० में श्री पार्श्वनाथबिंब और आदिनाथबिंब प्रतिष्ठित करवाई हुई दो प्रतिमायें लीमड़ी के नवीन और जूने जिनालय में विद्यमान हैं। श्रे० डोसा का स्वर्गवास वि० सं० १८३२ में ही हो गया था। ज्ञात होता है उनके किसी वंशज ने श्रेन्डोसा के नाम से उक्त प्रतिमानों को उनकी मृत्यु के पश्चात् प्रतिष्ठित की है। लीजैज्ञाभह०प्र० सूचीपत्र पृ०१५-१८,
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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