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________________ ५०६ ] प्र० वि० संवत् सं० १५१२ सं० १५१८ ज्ये० शु० ६ बुध० सं० १५२० गार्ग० कृ० ५ गुरु० सं० १५३० माघ कृ० २ शुक्र० सं० १५२२ फा० मुनिसुव्रत तपा० लक्ष्मीशु० १० सागरसूरि सं० १५५२ ज्ये० शु० १३ बुध० प्र० प्रतिमा प्र० श्राचार्य सं० १५२१ माघ शु० १३ गुरु० शांतिनाथ तपा० रत्नशेखरमूरि सं० १५२७ ज्ये० नमिनाथ कृ० :: प्रास्वाद - इतिहास ; नआिद के श्री आदिनाथ - जिनालय में आदिनाथ चोवीसी श्रेयांसनाथ श्री अजितनाथ - जिनालय में खेड़ा के श्री आदिनाथ - जिनालय में ( प रा ) सुमतिनाथ - तपा० लक्ष्मीसागर - प्रा० ज्ञा० ० खेतसिंह ने भा० साधुदेवी, पुत्र मदा भा० पंचतीर्थी मणिकदेवी पुत्र जीवराज, भ्रातृ वालचन्द्र आदि कुटुम्बसहित. सूरि आदिनाथ 11 प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि प्रा० ज्ञा० ० झांझण की स्त्री जसूदेवी के पुत्र रत्नचन्द्र भा० रत्नादेवी के पुत्र लाखा सलखा ने भा० लक्ष्मीदेवी, पुत्र सराजादिसहित. 19 11 [ तृतीय सीहुजग्राम में प्रा० ज्ञा० ० अर्जुन भा० तेजूदेवी के पुत्र नाभराज ने भा० चांददेवी, पुत्र धनराज, भ्रातृ जक्कु, कामता (१) पुत्र भोली आदि सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० दुदा की स्त्री देवलदेवी के पुत्र श्रे० हरदास ने स्वभा० देवमति, पुत्र देव, दावट, सूरादि कुटुम्ब - सहित स्वश्रेयोर्थ. कर्करानगर में प्रा० ज्ञा० सं० मोकल की स्त्री जाणी के पुत्र सं० कर्मसिंह ने स्वभा० रमकूदेवी, पुत्र सं० थिरपाल भा० वाल्ही प्रमुखकुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. गोवूवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० राणा ने स्त्री शाणीदेवी, पुत्र नागराज भा० रूड़ीदेवी पुत्र आसराज कुटुम्ब - सहित स्वश्रेयोर्थ. पीपल० देवप्रभ- प्रा० ज्ञा० अंबाईगोत्रीय मं० वीढ़ा ने भा० शाणी पुत्र पदा, गदा, देवा आदि के पुण्यार्थ. सूर श्री मुनिसुव्रतस्वामि- जिनालय में (लांबीसेरी) शीतलनाथ तपा० लक्ष्मीसागर - अहमदाबाद में प्रा० ज्ञा० दो० ० सापल भा० आसूदेवी के पुत्र धीगा ने स्वभा० भरमा, पुत्र सधारण, नाथा, तागादि कुटुम्ब - सहित माता के श्रेयोर्थ. सूरि ० घा० प्र० ले० सं० मा० २ ले० ३८६, ३६४, ४१५, ४०८, ४२५, ४१६, ४१३. ४२८ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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