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________________ :: प्रान्बाट-इतिहास: [तृतीय प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० झा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५२३ वै० श्रेयांसनाथ तपा० लक्ष्मी- ओड़ग्रामवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० माईआ भा० मेचूदेवी के कु०४ गुरु० सागरसूरि पुत्र नाथा ने स्वभा० नामलदेवी, पुत्र नाकर, धनराजादि सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री चन्द्रप्रभ-जिनालय में (सुलतानपुरा) सं० १४८६ वै० मुनिसुव्रत तपा० सोमसुन्दर- आसापोपटवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० लूणा ने भा० कामलदेवी शु० १० बुध. सरि पुत्र खीमसिंह भा० देऊसहित. सं० १५१६ वै. शान्तिनाथ तपा० लक्ष्मीसागर. मंटोडावासी प्रा० ज्ञा० को० भीला की स्त्री इसी के पुत्र शु०११ सरि लुभा ने भा० मृगदेवी, भ्रात कड़ा, राजादि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५५४ फा० आदिनाथ उदयसागरपरि प्रा० ज्ञा० श्रे० प्रताप मुता, श्रे० सहिसा ने. श्री शीतलनाथ जिनालय में (नवीपोल) सं० १५३६ ज्ये० आदिनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- राजपुर में प्रा० शा० मेघराज की स्त्री संपूरीदेवी के पुत्र शु. ११ सूरि हरदास ने स्वभा० हीरादेवी, पुत्र वर्द्धमान, वृद्धिचन्द, भगिनी नेतादेवी, भ्रातृ श्रे० खीमराज, पर्वत, भीमराजादिसहित भ्रातृश्रीधर के श्रेयोर्थ. से० १५४८ वै० पार्श्वनाथ गुणसुन्दरमरि प्रा. ज्ञा० श्रे० चांदमल के पुत्रगण सोमचन्द्र, लघुचन्द्र, शु१० सोम० छोटमल के पुत्र गटा माधव ने पूर्वपूर्वजों के श्रेयोर्थ. श्री गौड़ीपार्श्वनाथ-जिनालय में (बाबाजीपुरा में देरापोल) सं० १६३२ माघ सुमतिनाथ तपा० हीरविजय- प्रा. ज्ञा० श्रे० सहस्रकिरण की स्त्री सौभाग्यदेवी की पुत्री शु० १० बुध. सरि ___ जीवादेवी ने स्वश्रेयोर्थ. श्रे० गरबड़दास वीरचन्द्र घीया के गृह-जिनालय में सं० १२६४ वै० आदिनाथ श्रीसरि प्रा. ज्ञा० श्रे० धरणिग की स्त्री नागलदेवी के पुत्र ने ७ शनि० माता-पिता के श्रेयोर्थ. . श्रे० फूलचन्द्र डाह्याभाई के गृहजिनालय में सं० १५८४ चै० जिनविंव बृहत्तपा० सौभाग्य- वीसनगरवासी प्रा० ज्ञा. श्रे. जीवराज की स्त्री टमकूदेवी २०५ गुरु० सागरसरि के पुत्र सीपा ने स्वभा० वीरादेवी,पुत्र पया, लहुश्रा, पूजा, सामल, वयजा, पौत्र वरसिंह, वासण प्रमुख कुटुम्बसहित. जै० पा०प्र० ले० सं० भा०२ ले०१७८,१२,१४,१६०,२०६,२०८,२१५, २३०,२३४ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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