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________________ ४७० ] प्र० वि० संवत् शु० १३ सं० १५०३ प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ सं० १४६६ का० शु० १२ सोम ० प्रा० ज्ञा० ० सोला के पुत्र खीमा के पुत्र उदयसिंह के पुत्र लड़ा के पु० झांबट भा० माल्हदेवी पु० पारा, सापहि (?) राजा ने. सं० १५१२ महावीर तपा० रत्नशेखरसूरि प्रा० ज्ञा० श्रे० खीमचन्द्र की स्त्री जासूदेवी के पुत्र नारद स्वभार्या कुंरि के सहित स्वपिता-माता के श्रेयोर्थ. सं० १५७७ ज्ये० आदिनाथ तपा० हेमविमलसूरि प्रा०ज्ञा० दो० श्रे० वत्सराज ने भा० राजति, पुत्र सीपा, श्रीराज, शु० ५ शनि ० श्रीरंग, शाणा, शिव प्रमुखकुटुम्ब के सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री आदीश्वर - जिनालय में सं० १५०४ माघ शु० ६ गुरु० : प्राग्वाट - इतिहास : प्र० प्रतिमा सुमतिनाथ अंचलगच्छीय जयकीर्त्तिरि प्र० श्राचार्य सं० १४०८ सं० १३५६ माघ मल्लिनाथ शांतिप्रभसूरि शु० ६ बुध० सं० १३७३ वै० शांतिनाथ • चंद्रसूरि अभिनन्दन तपा० जयचंद्रसूरि प्रा० ज्ञा० लाखा की स्त्री लहकूदेवी के पुत्र धरणा ने स्वभा० शाणी पु० कुरपाल, नरपालादि कुटुम्ब के सहित स्वश्रेयोर्थ, प्रा० ज्ञा० ० हादा की भार्या हांसलदेवी के पुत्र कडूआ, रामसिंह, लालचन्द्र, इनमें से लालचन्द्र ने पिता-माता, पितृव्य चूड़ा के श्रेयोर्थ. पार्श्वनाथ साधुपूर्णिमा - रामचन्द्रसूरि आदिनाथ महावीर [ तृतीय सं० १५१७ माघ शांतिनाथ तपा० रत्नशेखरसूरि पत्तनवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० पाल्हा की स्त्री वरजूदेवी, क्र० ८ सोम ० कुतिगदेवी, वरजूदेवी के पु० वासण ने स्वभा० अमरादेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री दादा-पार्श्वनाथ जिनालय में (नरसिंहजी की पोल ) प्रा० ज्ञा० ० दयाल के पुत्र ठ० जोगी ठ० धरणा ने भ्राता ठ० सरस के श्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० पोल (?) की स्त्री देवमती के पुत्र राणा ने. सं० १४८६ तपा० सोमसुन्दर सूरि नं. १५२० मार्ग० सुमतिनाथ अंचलगच्छीयशु० ६ शनि ० जयकेसरिसूरि प्रा०ज्ञा० महं० धरणिग भा० सुहागदेवी के श्रेयोर्थ पुत्र जसादा ने इन सर्वजनों के श्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० कर्मसिंह की स्त्री. कर्मादेवी के पुत्र वरसिंह ने स्वभा० सूदेवी, पुत्र भादादि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० मं० राउल की स्त्री फालू के पुत्र नारद की स्त्री म श्राविका ने पुत्र पहिराज, त्रंबकदास के सहित स्वपति के श्रेयोर्थ. जै० धा० प्र० ले० सं० भा० २ ले० ७१, ६६, ६०, ११०, १११, १०३, १०५, ११७, १४१, १३५, १३७ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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