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________________ ४६८] प्राग्वाट-इतिहास: [तीय श्री आदिनाथ-कुलिका में (मणिया का पाड़ा) प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १४५२ वै० पार्श्वनाथ जेरंडगच्छीय प्रा० ज्ञा० उ० सीधण भा० सीमारदेवी, पितृव्य इङ्गरसिंह, गु० ३ शुक्र० विजयसिंहसरि भ्रात, मातृ श्रेयोर्थ ठ० चाणक पासड़ ने. सं० १४६४ ज्ये० नमिनाथ- पूर्णिमा० प्रा० ज्ञा० श्रे० महिपाल भा० देवमती पुत्र चदुद्य(१) भा० शु० १० सोम० चोवीशी सर्वाणंदसरि गदी के पुत्र कर्मण धर्मा ने पिता-माता के श्रेयोर्थ.-- पादरा के श्री शान्तिनाथ-जिनालय में सं० १५०३ माघ सुपार्श्वनाथ- जयचन्द्रसूरि प्रा० ज्ञा० सं० लूणा के पुत्र सं० शोभा के पुत्र सं० सिंघा कृ० २ गुरु. चोवीसी भा० गौरादेवी के पुत्र सं० सहदेव ने स्वभा० मदनदेवी, वीरमदेवी प्रमुख कुटुम्बसहित पिता-माता के श्रेयोर्थ. सं० १५५६ वै० अभिनन्दन- आगमगच्छीय गंधारवासी पेथड़सन्तानीय प्रा. ज्ञा० श्रे० मंडलीक के पुत्र शु० २ चोवीसी विवेकरत्नसूरि ढाईमा भा० मणकादेवी के पुत्र नरनद ने स्वभा० हर्षादेवी पु. भास्वर प्रमुखकुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. श्री सम्भवनाथ-जिनालय में सं० १४३० आषा० शांतिनाथ- चित्रभ० धर्मचन्द्र- सौराष्ट्रप्राग्वाट ज्ञा० ०० पेथा के पुत्र ठा० धाठ के पुत्र शु० ६ शुक्र० पंचतीर्थी सूरि सामल ने. दरापुरा के श्री जिनालय में सं० १३८६ वै० शान्तिनाथ श्री मेरुतुजसरि प्रा० ज्ञा० ठ० राजड़ की भा० राजलदेवी के श्रेयोर्थ उसके शु० २ शनि० शाखीय "प्रभसरि पुत्र नोहण ने. बड़ोदा के श्री कल्याणपार्श्वनाथ-जिनालय में (माया की पोल) सं० १५१५ ज्ये० शान्तिनाथ तपा० रत्नशेखर- गुणवाटकवासी प्रा. ज्ञा० श्रे० भीमराज की स्त्री भावलदेवी शु०५ परि के पुत्र लींबा ने स्वभा० लींबीदेवी, पु० वरसिंहादिसहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५१८ ज्ये० सुमतिनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा. ज्ञा० म० मोइश्रा भा० झवकूदेवी के पु० म० हरपति कृ० १० परि की स्त्री माधूदेवी ने पु० जूठा, सारंग,जोगादि कुटुम्बसहित पु० रामदास के श्रेयोर्थ. सं० १५२६ फा० सुविधिनाथ प्रा० ज्ञा० म० देवचन्द्र भा० झबकूदेवी के पु० पोपट ने कु०३ सोम० भा० मानूदेवी, पु० कण्हा(?) के सहित स्वश्रेयोर्थ. जैधा०प्र०ले०सं०भा०१ ले०१५५१,१५२२। जै०धा०प्र०ले०सं०भा०२ ले०३,८,१४,२०, ३३,३१,३६,
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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