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________________ प्राग्वाट-इतिहास: [तृतीय प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ सं० १४६० श्रेयांसनाथ श्रीसरि प्रा०ज्ञा० श्रे० करणराज भा० कर्मादेवी पुत्र खीमसिंह चांपादि ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १४९३ फा० शीतलनाथ अंचलगच्छीय- प्रा. ज्ञा० श्रे० खेता की स्त्री ऊमादेवी के पुत्र भीड़ा, छत्र कु. ११ गुरु० जयकीर्तिरि धरणा ने. सं० १५०७ संभवनाथ तपा० रत्नशेखर- प्रा०ज्ञा० श्रे० सिधा की मा० शृंगारदेवी पुत्र व्य० वसुक सूरि ने स्वभा० लहकू, पुत्र देन्हा, करणा, कर्मादि के सहित. सं० १५२२ धर्मनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० श्रे० लींबा की स्त्री नांकूदेवी के पुत्र वना की सूरि स्त्री जीविणी नामा ने ज्येष्ठ श्रे० वाघमल, वीरा, देवर धना, देवजाया रूपमती आदि प्रमुख कुटुम्ब के सहित. श्री महावीर-जिनालय में (रीची रोड़ के ऊपर) सं० १४२७ वै० कुलदेवीअंबिका ......... कारटाड़वासी प्रा. ज्ञा. श्रे. जगसिंह की शाखा में शु०१० शुक्र० उत्पन्न श्रे० झांझा के पुत्र दिपा ने. सं० १४७३ ज्ये० विमलनाथ लक्ष्मीचंद्रसरि प्रा० ज्ञा० श्रे० करणा की स्त्री कश्मीरदेवी के पुत्र देन्हा ने शु० ४ गुरु० माता-पिता के श्रेयोर्थ. सं० १४८५ शीतलनाथ तपा० सोमसुन्दर- प्रा० ज्ञा० श्रे० झांझण की स्त्री चांपादेवी के पुत्र धनराज सरि ने स्वभा० झमकू, भ्रात गांगा, घेला के सहित. सं० १४९२ वै० वर्धमान , प्रा. ज्ञा० श्रे० नृसिंह की स्त्री हंसादेवी के पुत्र श्रे० पर्वत शु०२ ने स्वभा० छूसी, पुत्र धरणादि के सहित. सं० १४६६ मार्गः सुविधिनाथ प्रा० ज्ञा श्रे० पूना के पुत्र रूदा भा० धाई के पुत्र सं० महिराज ने स्वभा० रामति आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५०६ माघ सुमतिनाथ भीमपञ्चीय- प्रा० ज्ञा० श्रे० धरणा की स्त्री रांका के पुत्र माईया ने शु० ५ सोम० जयचन्द्रसरि प्रातद्धि के श्रेयोर्थ. सं० १५१६ वै० अभिनन्दन श्रीहरि प्रा०मा० श्रे० डूगर ने स्वस्त्री लाड़ीदेवी, पुत्र अमरसिंह शु० ५ गुरु० मा० वान्ही, महिराज मा० कडूदेवी स्वकुटुम्ब के श्रेयोर्थ. सं०१५१६ पार्श्वनाथ तपा० रत्नशेखर- अहमदाबाद में प्रा. ज्ञा० गां० श्रे० जगसिंह की स्त्री परि सोमादेवी, पुत्र मावड़ ने स्वभा० गद्देवी, पुत्र देवदर के सहित स्वश्रेयोर्थ. जै० घा०प्र०ले० सं०भा०१ले०६०६,६०८,१०,६१७,६४८,६७७,६८२,६६४,६६७,६३१, ६३७, ६३४।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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