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________________ खण्ड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्राज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें-गूर्जर काठियावाड़ और सौराष्ट्र-पेथापुर : [४५३ रायपुर के श्री जिनालय में प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० आचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५२१ माघ नमिनाथ तपा० लक्ष्मी- प्रा. ज्ञा० श्रे० बाबा भा० हāदेवी के पुत्र जिनदास ने शु०१३ सागरसूरि स्वभा० शाणीदेवी, पुत्र हरराज, हेमराजादि कुटुम्बीजनों के सहित स्वश्रेयोर्थ. साणंद के श्री पार्श्वनाथ-जिनालय में पंचतीर्थी सं० १५०६ ज्ये० पार्श्वनाथ तपा० रत्नशेखर- प्रा० ज्ञा० श्रे० जसराज की स्त्री पद्मादेवी के पुत्र पोचमल सूरि ने स्वभा० फदकूदेवी पुत्र...... ...."समरादि के सहित. सं० १५२३ माघ नमिनाथ- तपा०लक्ष्मीसागर-प्रा० ज्ञा० श्रे. जयसिंह की स्त्री लंपूदेवी के पुत्र श्रीकाला, कृ. ७ रवि० चोवीशी सूरि धरणा, भ्राता श्रे० गेलराज ने स्वभा० सारु आदि प्रमुख कुटुम्बीजनों के सहित स्वश्रेयोर्थ. कोलवड़ा के श्री जिनालय में पंचतीर्थी सं० १५३७ ज्ये. शीतलनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- महीशानकनगर में प्रा० ज्ञा० श्रे० काला की स्त्री वानदेवी कु० ११ गुरु० सूरि के पुत्र श्रेधनराज ने स्वभा० मेघमती, पुत्र महीराज, सोड़, जिणदासादि के सहित स्वश्रेयोर्थ. गेरीता के श्री जिनालय में सं० १५२४ वै० शीतलनाथ तपा०लक्ष्मीसागर- प्रा. ज्ञा० श्रे० सहसा की स्त्री रानीदेवी के पुत्र प्रयसाधुशु० ६ सरि केसव वेणाजिनदासादि ने प्रमुख कुटुम्बीजनों के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५४६ प्राषाढ़ वासुपूज्य अंचलगच्छीय कर्णावतीनिवासी प्रा०ज्ञा० श्रे० सहसा की स्त्री सहसादाद(१) शु० १ सोम० सिद्धान्तसागरसूरि के पुत्र आसधीर ने स्वभा० रमादेवी के श्रेयोर्थ. पेथापुर के श्री बावन-जिनालय में चोवीशी सं० १५०५ चै० विमलनाथ- तपा० जयचंद्रसूरि प्रा० ज्ञा० शा० चौड़ा(?) की स्त्री गौरादेवी के पुत्र देन्हा शु० १३ चोवीशी ने स्वभा० देल्हणदेवी, भ्रात उगमचंद्र, भ्रावपुत्र कालु, चांपा, रविन्द्रादि के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२५ वै० सुविधिनाथ तपा०लक्ष्मीसागर- प्रा. ज्ञा० श्रे० दोसी महिया की स्त्री लाहु के पुत्र श्रे० शु० ६ सोम० . सरि धरणा ने स्वभा० हंसादेवी आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. जै० धा०प्र०ले०सं०भा०१ले० ६२०,६३७,६३६,६६१, ६६६,६६४,६६५, ६८४।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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