SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 624
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा० शा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - अबु दप्रदेश (गूर्जर - राजस्थान ) - नांदिया :: [ ४२५ प्रा० शा ० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि प्र० आचार्य कच्छोलीवाल ग० प्रा० ज्ञा० ० नरपाल की भा० संसारदेवी के पुत्र लाखा सर्वाणंदसूर ने स्वभा० धरण देवी, पुत्र मूंजा, सयणा, सारंग, सिंघा के सहित पिता के श्रेयोर्थ. माल ग्राम के श्री जिनालय में तपा० रत्नशेखरसूरि चामुण्डेरी ग्राम के श्री जिनालय में तपा० लक्ष्मी - सागर मूरि प्र० वि० संवत् सं० १४७५ माघ ० शांतिनाथ शु० २ गुरु० सं० १५३० मा० कृ० ६ सं० १५२७ माघ ० धर्मनाथ कृ० ७ चोवीशी सं० १५२३ वै० ११ बुध० सं० १५४३ ज्ये० शु० ११ शनि ० प्र० प्रतिमा सं० १५२१ मा० शु० १३ महावीर संभवनाथ विमलनाथ अंच० जय पार्श्वनाथ वासुपूज्य नाणा ग्राम के तपा० लक्ष्मी सं० १५२१ भाद्र ० देवकुलिका शु० १ कोलपुरवासी प्रा० ज्ञा० माल्हणदेवी के पुत्र सं० सोमचन्द्र, राणा आदि कुटुम्बसहित. श्री जिनालय में प्रा० ज्ञा० ० चाहड़ की स्त्री राणीदेवी के पुत्र श्रे० वीटा सागरसूरि ने स्वभा बुटीदेवी, पुत्र वेलराजादि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. खुड़ाला ग्राम के श्री जिनालय में प्रा० ज्ञा० श्रे० गांगा की स्त्री कर्पूरदेवी के पुत्र वत्सराज ने स्वस्त्री पांचीबहिन, पुत्र वस्तुपाल के सहित स्वश्रेयोर्थ. विशलनगरवासी प्रा०ज्ञा० ० धर्मचन्द्र की स्त्री नांई के पुत्र जीवा और योगा ने स्त्री गौमती, पुत्र हर्षराज, हीराचन्द्र, व्य० कमला पुत्र काढ़ा, पुत्री गौरी और पुत्री राजू, समस्त संघ के सहित व्य० कमला के श्रेयोर्थ. महावीर जिनालय में नांदिया ग्राम के श्री तपा० लक्ष्मीसागरसूर केसरसूरि श्री ज्ञानसागर - सूरि के पट्टधर श्री - उदयसागर प्रा० ज्ञा० ० देल्हा, श्रे० पाल्हा, श्रे० खेता, श्रे० मेल्हा, ० इङ्गर आदि प्राग्वाटज्ञातीय श्री संघ ने. ० डूङ्गर के पुत्र साल्हा की स्त्री चुडा ने, भा० करणादेवी, पुत्र प्रा० ज्ञा० हापा की स्त्री हीमादेवी के पुत्र श्रे० वीसलदेव की स्त्री तील्हू के पुत्र ऊधरण ने स्वभा० राजदेवी, भ्रातृ ढालादिसहित. नांदिया पुरवासी प्रा० ज्ञा० ० दूल्हा भा० दूलीबाई के पुत्र जूठाने, भा० जसमादेवी, भ्रातृ मउवा, झाला, वरजांग, खेता आदि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. अ० प्र० जै० ले० सं० ले० ३१२, ३२६, ३३८, ३५६ । प्रा० जै० ले० सं० भा० २ ले० ४००, ४०१ । ० प्र० जै० ले० सं० ले० ४५६, ४६० ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy