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________________ ... प्राम्बाढ-इतिहास: [द्वितीय वंशवृक्ष .. सिद्धनाग (सिंहनाग) [विनी] | पोढ़क वीरड़ वर्धन द्रोणक बांधुदत्त आंबुवर्धन सज्जन [महलच्छिदेवी] . यशाश्री शीवादेवी धवल [भल्लणी] वीशल देशल राहड़ [दमती] वाहड़ [जिनमति] शान्तिकादेवी धांधिकादेवी जसडक वीरचन्द्र देवचन्द्र सरी देवराज विजय अजय राज आंच सरण : चाइड अवदेवी] बोहकि भादू देवी] . आसक तिब्देवी आशाधर [राज्दे] प्र०सं० । जै० पु०प्र०सं० और D.C.M.P. इन तीनों पुस्तकों में यह प्रशस्ति मुद्रित है। प्रायः अधिक पुरुषों के नाम में थोड़ा २ अन्तर है। जै० पु० प्र०सं० में प्रदत्त प्रशस्ति में उल्लिखित नाम अधिक उचित प्रतीत होते हैं, अतः उस प्रशस्ति के अनुसार ही व्यक्तियों के नाम दिये हैं।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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