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:: संक्षिप्त अथवा सांकेतिक शब्दों की समझ :: है. जैन स्मारक-ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजीकृत श्राद्धविधि-प्रकरण- पं० तिलकविजयजीसंपादित प्राचीन मध्यभारत और राजपूताना-,
राधनपुर-डिरेक्टरी- जेठालाल बालाभाई , जैन शिलालेख-संग्रह-हीरालालसंग्रहीत
आदर्श महापुरुष- साधुराम शास्त्रीलिखित संक्षिप्त जैन इतिहास भा०१-६० कामताप्रसादलिखित जैन इतिहास भाग २-पं० सूरजमललिखित " भा०२ खं० १ "
" भाग ३-५० मूलचंदलिखित " भा०३.खं० १,२,३" संयुक्तप्रान्त-स्मारक-पं० शीतलप्रसादजीलिखित हिमांशुविजयजीना लेखो
जैन शिलालेख-संग्रह- माणिकलालसंपादित शजयमाहात्म्य-विद्याशाला, अहमदाबादद्वारा प्रकाशित भोजन-व्यवहार तथा कन्या-व्यवहार देवकुलपाटक- विजयधर्मसूरिरचित
कच्छदेशनो इतिहास- आत्माराम केशवजीलिखित गृह्यसूत्र-पं० कृष्णदाससंपादित
वाघेला-वृत्तान्त- कृष्णराय गणपतरायकृत इतिहास में मारवाड़ीज्ञाति का स्थान-बालचंद मोदीलिखित शांतू महता- जैन ऑफिस, भावनगर द्वारा प्रकाशित जैनधर्म की प्राचीन अर्वाचीन स्थिति-बुद्धिसागरजीलिखित वीर वनराज- धूमकेतुलिखित जैन बालग्रंथावली—पूर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय, अहमदाबाद कुमारदेवी-लीलावती मुन्शी अहमदाबादनो जीवन-विकास-शंकरराम अमृतरामलिखित
संक्षिप्त अथवा सांकेतिक शब्दों की समझ भ०, भट्टा०- भगवान्, भट्टारक
ठ०- ठक्कुर, ठक्कुराज्ञि आ-आचार्य
सं०- संघवी, संघपति, संख्या, संवत्, संतानीय उपा०- उपाध्याय
वि०-- विक्रम पं०-पन्यास, पंडित
वि० सं०- विक्रम संवत् सा०- साधु
ई. सन्- ईस्वी सन् ले- लेख, लेखक, लेखांक -
पू०- पूर्व श्रे-श्रेष्ठि, श्रेयोर्थ .
प्र०- प्रथम, प्रतिष्ठित व्य, व्यव०- व्यवहारी .
दे० कु०- देवकुलिका श्रा०- श्रावक, श्राविका, श्रावण
मू० ना०- मूलनायक शा०-शाह
द्वि०-द्वितीय मं०-मंत्री
१०- तृतीय महं०- महत्तर मंत्री
रवि०- रविवार महा.-महामात्य
सो०- सोमवार द०, दंड०-दंडनायक
मं०- मंगलवार