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________________ आगम भाषा माध्यात्मभाषा फल | द्रव्य | पर्याय | शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने | समीचीन | सम्यक्त्वी योग्य 'स्वद्रव्य' सकलादेशी द्रव्य | पर्याय शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने | असमीचीन मिथ्यात्वी वा अन्यद्रव्य अथव ख व्यवहाराभास ग | द्रव्य द्रव्य । ० शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करन निश्चयाभासी| मिथ्यात्व योग्य 'द्रव्य' ० | पर्याय शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने व्यवहाराभासी मिथ्यात्वी योग्य पर्याय' द्रव्य | | पर्याय शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने| असमीचीन | मिथ्यात्वी योग्य निरपेक्ष 'द्रव्य पर्याय' । उभयाभासी ब शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने| असमीचीन | मिथ्यात्वी योग्य 'द्रव्य' (अंधश्रद्धा ० । ० । शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने | असमीचीन मिथ्यात्वी योग्य पर्याय' झा द्रव्य पर्याय | शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय असमीचीन | मिथ्यात्व योग्य. 'स्वद्रव्य' विकलादेशी पर्याय द्रव्य ट निरपेक्ष निरपेक्ष शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने | असमीचीन | मिथ्यात्वी द्रव्य | पर्याय ___ योग्य 'स्वद्रव्य' पर्याय द्रव्य शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने ठ निरपेक्ष निरपेक्ष योग्य ‘पर्याय' अथवा अन्यद्रव्य | असमीचीन द्रव्य । पर्याय पर्याय' द्रव्य निरपेक्षा निरपेक्ष शुद्धात्मानुभूति के लिए आश्रय करने | असमीचीन मिथ्यात्वी द्रव्य | पर्याय योग्य निरपेक्ष स्वद्रव्य और पर्याय
SR No.007151
Book TitleDharmmangal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLilavati Jain
PublisherLilavati Jain
Publication Year2009
Total Pages76
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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