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________________ पञ्च-कल्याणक: क्या, क्यों, कैसे? प्रश्न 1 - पञ्च-कल्याणक महोत्सव क्या है? उत्तर - जिन्होंने हमें आत्मकल्याण का मार्ग बतलाया एवं स्वयं भी उस मार्ग पर चलकर जन्म-मरण से रहित हुए, उन तीर्थङ्कर परमात्माओं के जीवन की वे पाँच घटनाएँ – गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष के रूप में जानी जाती हैं, पञ्च-कल्याणक कहलाती हैं। ___अनादि-अनन्त काल प्रवाह में चौथे काल में होनेवाले चौबीसों तीर्थङ्करों के जीवन की उक्त घटनाओं को देव एवं उस काल के मनुष्य, अत्यन्त हर्षोल्लासपूर्वक मनाते हैं और स्वयं भी आत्महित में लगने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। वर्तमान में साक्षात् तीर्थङ्कर परमात्माओं का विरह होने से, उनके बिम्ब पर स्थापना-निक्षेप से इन पाँचों कल्याणकों की विधि सम्पन्न की जाती है। प्रश्न 2 - पञ्च-कल्याणक तो एकान्त में भी किया जा सकता है, उनके लिए भीड़ जुटाने की अथवा प्रचार-प्रसार की क्या आवश्यकता है? उत्तर - सभी आत्मार्थीजन पञ्च-कल्याणक की विधि को प्रत्यक्ष देखकर अपने परिणाम उज्ज्वल बनाएँ - यही इसका उद्देश्य है।
SR No.007136
Book TitlePanch Kalyanak Kya Kyo Kaise
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain
PublisherTirthdham Mangalayatan
Publication Year
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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