SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आशीष दिए। :: और सबसे महत्वपूर्ण आशीर्वाद तथा महाप्रेरणा आयी परमपूज्य आचार्य भगवंत डॉ. शिवमुनीजी म.सा.से उदयपूर से, उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "आपकी सामायिक की विधि यह एक सुंदर प्रयास है।" और इन सब संतोके आशीर्वाद मार्गदर्शन और प्रेरणा के कारण आपके सामने प्रस्तुत हो रही है - एक आदर्श सामायिक। परंपराओं में जकडे हुए सामायिक की इस साधना को आजके वैज्ञानिक युग में एक वैज्ञानिक आयाम देकर तर्कशुध्द और विशुध्द धर्मध्यान के रूपमे आपके सामने प्रस्तुत करने का यह एक नम्र प्रयास है। शिथीलकरण, एकाग्रताऔर अंतदर्शन इनत्रिसूत्रियोंका आधार इस सामायिक विधि को है। इससे सामायिक अधिक व्यापकता से तथा सखोल रूपमें समाज के सभी वर्गोमें विशेषतः सुशिक्षित युवा वर्गोमें प्रंसृत होगी इसका मुझे विश्वास है। . जब हर जिज्ञासु साधक इस आध्यात्मिक प्रयोग को करके देखेगा, उसकी अनुभूति लेगा, इससे प्राप्त समताकोअपने जीवनमे उतारेगा और अपने स्नेहियों को भी इस साधना की प्रेरणा देगा, तभी यह प्रयास सफल होगा। और इस छोटी सी पुस्तिका की आशा सफल होगी। डॉ. सुभाष लुंकड
SR No.007120
Book TitleSamayik Ek Adhyatmik Prayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Lunkad
PublisherKalpana Lunkad
Publication Year2001
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy