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________________ १३ १७ १८ १९ उन्नीसवां उद्देशा चौइन्द्रिय जीवों के उत्पात आदि का निरूपण २०७-२११ वीसवां उद्देशा पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीवों के उत्पत्ति आदि का निरूपण २१२-२२९ पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकों में उत्पन्न होनेवाले रत्नप्रभा पृथिवी के नारकों का उत्पाद आदि का निरूपण २३०-२४४ तिर्यग्योनिकों में से आकर पञ्चन्द्रियतिर्यग्योनिकों में उत्पन्न होनेवाले जीवों के उत्पाद आदि का निरूपण २४५-२७९ संज्ञि पश्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों के उत्पत्ति का निरूपण २८०-२९७ मनुष्यों से आकर पञ्चेन्द्रियतिर्यचों में उत्पत्ति का निरूपण २९८-३२१ देवगति से आकर पञ्चन्द्रियतिर्यग्योनिको में उत्पत्ति का निरूपण ३२२-३४६ ___ इक्कीसवां उद्देशा मनुष्यों के उत्पत्ति का निरूपण ३४७-३८० आनतादि देवों से आकर मनुष्यगति में ___ उत्पत्ति आदि का निरूपण ३८१-४१२ बाईसवां उद्देशा वानव्यन्तरों की उत्पत्ति आदि का कथन ४१३-४२७ तेईसवा उद्देशा ज्योतिष्क देवों में उत्पन्न होनेवाले जीवों का निरूपण ४२८-४५७ चोवीसवां उद्देशा सौधर्मदेवों की उत्पत्ति का निरूपण ४५८-४८५ सनत्कुमार देवों की उत्पत्ति का निरूपण ४८६-५१९ २० २२ २४ २५ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫
SR No.006329
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 15 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages969
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size57 MB
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