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________________ अनुक्रमांक ४ चोवीसवें शतक का बारहवां उद्देशा १ पृथ्वीकायिक जीवों के उत्पत्ति का निरूपण अकायिक में पृथ्वीकायिक जीव की उत्पत्ति का निरूपण द्वीन्द्रिय से लेकर चतुरिन्द्रिय पर्यन्त के पृथ्वीकाय जीवों की उत्पत्ति का निरूपण ६०-९१ ६ ७ १० श्री भगवती सूत्र भाग पन्द्रहवें की विषयानुक्रमणिकां विषय ܕܕ १२ पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिक जीवों के उत्पत्ति का निरूपण मनुष्यों से आकर पृथ्वीकाय में उत्पत्ति का निरूपण नागकुमारों से आकर पृथ्वीकायिको में उत्पत्ति का निरूपण चौदहai उद्देशा तेजस्काय में पृथिवीकायादि जीवों की उत्पत्ति का निरूपण पन्द्रह उद्देशा वायुकाय में पृथिवीकायादि जीवों की तेरहवां उद्देशा अकाय में पृथ्वीकायादि जीवों की उत्पत्ति का निरूपण १६९ - १७७ उत्पत्ति का निरूपण सोलहवां उद्देशा वनस्पतिकाय के जीवों की उत्पत्ति का निरूपण सत्रहवां उद्देशा द्वीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति आदि का निरूपण શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫ पृष्ठ अठारहवाँ उद्देशा श्रीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति आदि का निरूपण १ – ३४ ३५-६० ९१-१११ ११२-१४२ १४२-१६८ १७८-१८० १८१ - १८२ १८३-१८९ १९० - २०० २०१-२०६
SR No.006329
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 15 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages969
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size57 MB
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