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________________ साथ यादवों में विलासिता भी आ गई। द्वारिका में मदिरा का प्रवेश हो । गया। यादव मदिरा के प्याले में डूब गए। मदिरा विवेक की शत्रु है। और विवेक का अभाव-अविवेक महाविनाश का द्वार है। . भगवान् श्री अरिष्टनेमि ने उद्घोषणा की कि द्वारिका का विध्वंस मदिरा के कारण होगा। श्रीकृष्ण ने सख्ती से द्वारिका में मदिरा-निषेध की घोषणा कराई। लेकिन भवितव्यता के समक्ष अन्ततः सभी को झुकना पड़ता है। अग्निकुमार देवों में जन्मे द्वीपायन ऋषि ने द्वारिका को भस्म कर डाला। सहसों यादव परिवार भयानक आग में जल मरे। वासुदेव श्रीकृष्ण और बलराम ही इस दावानल से बच सके। वे दोनों द्वारिका को छोड़कर कौशाम्बी वन में पहुंचे। बिर्जन-घने जंगल में पहुंचकर श्रीकृष्ण की थकान बढ़ गई। श्रीकृष्ण जिन्होंने जीवन में कभी थकना नहीं सीखा था, जिन्होंने कंस और जरासन्ध जैसे प्रबल पराक्रमी नरेशों को खेल-खेल में ही पराजित कर दिया था और जो महाभारत जैसे महासंग्राम में निःशस्त्र होते हुए निर्णायक सिद्ध हुए थे, वे आज कुछ ही दूर चलकर थक गए थे। प्यास से उनका कण्ठ सूख गया था।वे एक वटवृक्ष की शीतल छाया में बैठ गए। बलराम से बोले-“दाऊ! मैं बहुत प्यासा हूं। एक कदम चलने की सामर्थ्य मेरे भीतर शेष नहीं है। कहीं से जल का प्रबन्ध करो।" बलराम ने श्रीकृष्ण को मधुर शब्दों में आश्वस्त किया और जल की तलाश में चल दिए।कुछ दूर एक दिशा में जाकर वे अदृश्य हो गए। श्रीकृष्ण लेट गए। सिर के नीचे एक पत्थर का तकिया लगा लिया। धन, वैभव व ऐश्वर्य की चंचलता पर वे चिन्तन करने लगे। उनके खड़े हुए बाएं पैर पर दायां पैर टिका था। पैर के तलवे में स्थित अनन्त सौभाग्य का सूचक पदम रत्न चमक रहा था। उनकी देह पर उनका प्रिय वस्त्र पीताम्बर था। जंगल में दूर एक शिकारी-जराकुमार जो श्रीकृष्ण का चचेरा भाई था, शिकार की खोज में भटक रहा था। उसकी दृष्टि वट वृक्ष की छाया में लेटे श्रीकृष्ण पर पड़ी। दूर से उसे लगा कि कोई मृग वट वृक्ष के नीचे बैठा है। पैर का पदम मृग की आंख प्रतीत हो रहा था। पीताम्बर मृग की देह- पीतवर्णी देह ज्ञात हो रही थी। जराकुमार ने पदम का निशाना साधकर बाण छोड़ दिया।
SR No.006297
Book TitleJain Dharm Vaidik Dharm Ki Sanskrutik Ekta Ek Sinhavlokan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2008
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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