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________________ पहला सर्ग १-१० ११-२५ २६-२७ २८ विषयसूची मंगलाचरण । काव्यकार का आत्म-निवेदन | मरुधर देश और जोधपुर का वर्णन । जोधपुरनरेश । कंटालिया ग्राम । २९-३० ३१-३२ भिक्षु के माता-पिता । ३३-३६ ३७ ३८-३९ ४०-४१ दिशाओं और शासनश्री की हर्षोत्फुल्लता । ४२-४९ रात्री- वर्णन | ५०-५५ प्रभात - वर्णन | माता दीपां द्वारा स्वप्न-दर्शन, गर्भधारण और गर्भ - सुरक्षा । १२३-१२४ १२५-१२७ दूसरा सर्ग १-११ पुत्र - जन्म और ग्रहों की स्थिति । मां दीप का हर्ष और चिंतन । ५६-५७ सूर्योदय- वर्णन | ५८-६० जन्मोत्सव और सुहृद्जनों का आह्लाद । बालक की आकृति और रूप । ६१. ६२ दर्शनार्थियों का सम्मान । ६३ बालक का 'भिक्षु' नामकरण | ६४ बालक के जन्म-मास और तिथि की सार्थकता । ६५-७४ बालक की शैशवकालीन प्रवृत्तियों का हार्द । विद्या - अध्ययन और संस्कार - वपन | ७५-७६ ७७-१२२ शरीर के विभिन्न अवयवों की अवस्थिति और उनकी फलश्रुति । प्रत्यक्ष लक्षणों की परोक्ष फलश्रुति से संगति । बालक्रीडाएं । ares भिक्षु का यौवन में प्रवेश । योवन और शैशव में नोक-झोंक । १२ दीपानन्दन का मनमोहक रूप ।
SR No.006278
Book TitleBhikshu Mahakavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages350
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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