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________________ आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...61 निर्दिष्ट दोनों विधियाँ समरूप लगती है। • मनोजगत की दृष्टि से मानसिक शांति का अनुभव होता है तथा विपरीत संयोगों में भी मन:स्थिति संतुलित बनी रहती है। अनावश्यक हलचलों से मन विरक्त हो जाता है। . स्वभाव जगत में भी आशातीत परिवर्तन आता है। अत्यन्त क्रोधी प्रकृति का मानव भी क्षमावान एवं शांत स्वभावी बन जाता है। • दैहिक जगत के सन्दर्भ में विचार किया जाए तो पंच तत्त्वों का समीकरण होता है, स्नायुमंडल एवं शरीर के अन्य अवयव सशक्त बनते हैं, देह ऊर्जा में संतुलन बना रहता है, दोनों रक्त चाप साम्य भाव में रहते हैं तथा हृदय की दुर्बलता दूर हो जाती है। • वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो इस मुद्रा में दोनों हाथों का संयोग होने से शक्ति का वलय बन जाता है जिससे ध्यानारूढ़ व्यक्ति गहराई से ध्यान क्षेत्र में उतर सकता है। हमारे शरीर में धन और ऋण (पोजेटिव-नेगेटिव) ऐसे दो तरह की शक्तियाँ है। दोनों हाथों का सम्मिलन होने से अपूर्व शक्ति का जागरण होता है उससे ध्यान मुद्रा में अद्भुत स्थिरता और तटस्थता आती है। • मुख्य रूप से यह मुद्रा निम्न शक्ति केन्द्रों के दुष्प्रभावों को दूर करती है चक्र- अनाहत एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व प्रन्थिथायमस एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- आनंद एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण प्रणाली, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख। 9. समन्वय (सूकरी) मुद्रा इस मुद्रा के नाम से ही यह सुस्पष्ट है कि इसमें पाँचों अंगुलियों को परस्पर एक-दूसरे से स्पर्शित करते हुए रखते हैं इसलिए इसे समन्वय मुद्रा कहा गया है। इस मुद्रा में अंगुलियों एवं अंगुष्ठों को संयोजित करने पर हाथ का आकार सुअर के मुँह की तरह हो जाता है इसलिए कतिपय ग्रन्थों में इसे सूकरी मुद्रा के नाम से परिभाषित किया गया है। उपलब्ध साहित्य के अनुसार इस मुद्रा का उपयोग प्रमुखतया तंत्र साधना, मंत्र जाप, यज्ञ विधान, संकल्पपूर्ति इत्यादि कार्यों की सफलता के लिए किया जाता है। इस दृष्टि से समन्वय मुद्रा को सर्वकार्यसिद्धि मुद्रा भी कह सकते हैं।
SR No.006258
Book TitleAdhunik Chikitsa Me Mudra Prayog Kyo Kab Kaise
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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