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________________ 114... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा उपचार हेतु खड्ग मुद्रा के दाब बिन्दु महत्त्वपूर्ण हैं। • इस मुद्रा के दबाव बिन्दु यौगिक चक्रों को नियन्त्रित रखते हैं। इनसे मस्तिष्क रोग, शरीर का असन्तुलन, एक तरफ का लकवा, विस्मृति होना जैसे असामान्य रोग ठीक हो जाते हैं। 39. ज्वलन मुद्रा ज्वलन शब्द अग्नि का प्रतीकात्मक है। संस्कृत कोश में ज्वलन के निम्न अर्थ बताये गये हैं- दहकता हुआ, जलता हुआ, चमकता हुआ आदि। यहाँ 'जलता हआ' यह अर्थ अधिक इष्ट है। सूक्ष्मता से विचार करें तो जो जलता है वह चमकता भी है, दहकता भी है। चमकने वाला पदार्थ ज्वलनशील हो भी सकता है और नहीं भी, किन्तु ज्वलन स्वभावी पदार्थ अवश्य चमकता है। अग्नि की अनेक विशेषताएँ हैं। जैसे अग्नि की लपटें सदैव ऊपर की ओर उठती हैं, वह ऊर्ध्वाभिमुख स्वभाववाली है। अशुद्धियों को दूर करती है, वातावरण को निर्मल बनाती है और तेज गुण से प्रकाश फैलाती है। उसी प्रकार RPATAR ज्वलन मुद्रा
SR No.006254
Book TitleJain Mudra Yog Ki Vaigyanik Evam Adhunik Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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