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________________ जिन प्रतिमा-प्रकरण ...193 नीचे लटकाते हुए रखा जाता है उसे अर्ध पर्यंकासन कहते हैं। 5. भद्रासन प्रतिमा- जिस प्रतिमा में भद्रासन पर बैठकर दोनों पैर खुले रखे जाते हैं उसे भद्रासन कहते हैं। 6. गोपालासन प्रतिमा- कृष्ण की बंसी बजाते हुए खड़ी मूर्ति गोपालासन कहलाती है। 7. वीरासन प्रतिमा- जिस प्रतिमा में एक पैर आधा खड़ा हुआ और दूसरा घुटने से मोड़कर आधी बैठी हुई स्थिति होती है उसे वीरासन कहते हैं। 8. पर्यंकासन प्रतिमा- शेषशायी विष्णु अथवा बुद्ध निर्वाण की लेटी हुई मुद्रा पर्यंकासन कहलाती है। उपलब्ध प्रतिमाओं के कुछ चित्र निम्न प्रकार हैं उत्कटासन पद्मासन वीरासन गोपाल आसन भंगासन अर्धपर्यंकासन प्रेतासन ललित आसन तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ सामान्यत: दो आसनों में देखी जाती है। 1. खड्गासन अथवा कायोत्सर्ग आसन और 2. पद्मासना29 इन्हीं आसनों में तीर्थंकरों का मोक्ष गमन होता है। तीर्थंकरों का जिस आसन में मोक्ष हुआ, उस आसन में अथवा दूसरे आसन में भी मूर्ति बनाई जा सकती है। वर्तमान के चौबीस तीर्थंकरों में प्रथम ऋषभदेव, 12वें वासुपूज्य एवं 22वें नेमिनाथ भगवान पद्मासन में मोक्ष गए। शेष 21 तीर्थंकर खड्गासन में मोक्ष गति को प्राप्त हुए।
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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