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________________ जिन पूजा विधि की त्रैकालिक आवश्यकता एवं... 221 जिनपूजा की पारमार्थिक महत्ता जिनपूजा श्रावक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसका महत्त्व बताते हुए आचार्य हरिभद्रसूरि कहते हैं कि जिस प्रकार महासमुद्र में फेंकी गयी जल की एक बूंद का भी नाश नहीं होता उसी प्रकार जिनेश्वर परमात्मा के गुणरूपी समुद्र की पूजा अक्षय ही होती है। 1 षोडशक प्रकरण में जिनपूजा को सदनुष्ठान कहते हुए मुख्य पाँच सूत्रों का निर्देश इस प्रकार किया गया है - 1. जिनपूजा केवल सूत्र से नहीं अपितु भावार्थ एवं परमार्थ सहित सुननी चाहिए, क्योंकि सूत्र की अपेक्षा अर्थ अधिक बलवान है। 2. आचरण के द्वारा ज्ञान सार्थक एवं सफल बनता है और श्रद्धा के द्वारा मजबूत । 3. आचार के आधार पर ही शासन की शाश्वतता रहती है। 4. जिनपूजा सदनुष्ठान का अनंतर एवं अव्यभिचारी कारण है 5. सदनुष्ठान होने से यह उत्तमगति एवं मोक्ष प्राप्ति में सहायक बनता है। अतः निश्चय से यह अनुष्ठान श्रावक को अर्थ एवं भाव की विचारणा पूर्वक करना चाहिए | 2 जो मनुष्य भक्तिपूर्वक जिनेन्द्र भगवान का दर्शन, पूजन एवं स्तुति नहीं करते उनका जीवन निष्फल है तथा उनके गृहस्थाश्रम को धिक्कार है । 3 आचार्य सोमदेव के अनुसार जो गृहस्थ जिनेश्वर की पूजा और मुनियों की उपचर्या किए बिना अन्न ग्रहण करता है, वह सातवें नरक के कुम्भीपाक बिल में दुख भोगता है। 4 चतुर्निकाय के देव अष्टाह्निका दिवसों में उत्सव सहित मेरु आदि पर्वतों पर जिन प्रतिमा की पूजा करते हैं। 5 शाश्वत जिनालयों में देवताओं के द्वारा पूजन महोत्सव करने का उल्लेख जैनागमों में अनेक स्थानों पर प्राप्त होता है । धवला के अनुसार अरिहंत परमात्मा पूजार्थी के पापों का विनाश नहीं करते क्योंकि ऐसा होने पर तो वीतरागता का अभाव आएगा। अतः जिनपूजा में परिणत भाव एवं जिनगुणों से उत्पन्न परिणामों को पाप का विनाशक स्वीकार करना चाहिए | रहे जिनेश्वर परमात्मा को किया गया वन्दन अथवा पूजन प्रत्येक आत्मा में हुए जिनत्व गुण को प्रकट करता है अत: 'वन्दे, तद्गुण लब्धये' के भावों से जिनपूजा करनी चाहिए । इस तरह जिनप्रतिमा और जिनमन्दिर हमारी भावनाओं को शुद्ध करने का बाह्य है।
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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