SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सतरह ६८ चौकीदार और चोरी ६९ सचित्त वस्तु का दान ? ७. गले में फांसी ७१ अनुकंपा की पहचान ७२ सर्प को बचाने में क्या ? ७३ व्रत और अव्रत ७४ घी और तम्बाकू ७५ सावद्य दान ७६ साझेदारी में चनों की खेती ७७ जहां पाप वहां धर्म नहीं ७८,७९ उपदेश का लक्ष्य-आत्मोद्धार ८० आज्ञा-अनाज्ञा ८१ नदी पार करना" ८२ महाव्रतों का पालन खंडशः नहीं ८३ व्रतभ्रष्ट साधु नहीं ८४ तीन प्रकार के सिक्के ८५ ओत्पत्तिकी बुद्धि के थनी ८६ संसार का उपकार ८७ संसार और मोक्ष का मार्ग ८८ अल्प पाप बहु निर्जरा ८९ सात उदाहरण ९. साध्य-साधन का विवेक ९१ नामान्तर से सदोष निर्दोष नहीं होता ९२ गुरु की पहचान ९३ जीव क्यों तैरता-डूबता है ? ९४ वेशमात्र से श्रामण्य नहीं ९५ तत्वज्ञान की कमी ९६ आप प्रिय क्यों ? विरोध क्यों ? ९७ मुंह देखने से स्वर्ग नरक ९८ पुस्तकीय पांडित्य ९९ मेरा जामाता सीधा-साधा १.० देरी कैसे बनता है ? १०१ ब्राह्मणों को भोज
SR No.006173
Book TitleBhikshu Mahakavyam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy